बिना ये सेटिंग्स बदले आपका नहीं बनता है कोई फोन, ऐसे मिलेगा पर्सनलाइज्ड अनुभव
फोन केवल इस्तेमाल करने भर से आपका तब तक नहीं हो जाता, जब तक आप इसकी सेटिंग्स में बदलाव ना करें और इसे अपना ना बनाएं। हम बता रहे हैं कि कैसे आप तीन स्टेप्स में किसी फोन को अपना बना सकते हैं।

किसी भी फोन का इस्तेमाल शुरू करने भर से वह आपका नहीं हो जाता और कई सेटिंग्स में बदलाव करने के बाद ही फोन से पर्सनलाइज्ड एक्सपीरियंस मिलता है। फोन आपकी पसंद, आदतों और जरूरतों के हिसाब से ढलने के बाद ही कायदे से आपका होता है। आइए बताएं कि किन सेटिंग्स में बदलाव करते हुए आप किसी फोन को पूरी तरह अपना बना सकते हैं।
बेसिक सेटिंग्स बदलें और लॉगिन करें
डिवाइस सेटअप करते हुए आपको लैंग्वेज, डेट और टाइम सब सेट करने होंगे। इसके बाद अपने फोन में गूगल या ऐपल अकाउंट की मदद से लॉगिन करें। ऐसा करने से आपका डेटा, जैसे कि कॉन्टैक्ट्स, फोटो और ईमेल वगैरह, आपके फोन में आसानी से आ जाते हैं। आप ऐसा करते हुए फोन को खुद से जोड़ सकते हैं और पता चल जाता है कि डिवाइस किसका और किसके काम का है।
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कस्टमाइजेशन सेटिंग्स में बदलाव जरूरी
फोन को अपना बनाने के लिए कस्टमाइजेशन सेटिंग्स फौरन बदली जानी चाहिए। उदाहरण के लिए आपको फोन का वॉलपेपर बदलने से लेकर रिंगटोन सेट करने या फिर ऐप्स को फोल्डर्स में मैनेज करने जैसे काम करने चाहिए। आप कुछ ऐप्स के लिए नोटिफिकेशंस को भी डिसेबलया प्रायॉरिटाइज कर सकते हैं। थीम बदलने या विजेट्स यूज करने जैसे काम भी जरूर किए जा सकेंगे।
सिक्योरिटी सेटिंग्स पर ध्यान जरूर दें
फोन की सिक्योरिटी सेटिंग्स जैसे कि फिंगरप्रिंट, फेस अनलॉक या फिर पासकोड के साथ इसे ज्यादा सुरक्षित बनाया जा सकता है, साथ ही डिवाइस आपका हो जाता है। ऐप्स के लिए परमिशन देना या रोकना, बैकअप की सेटिंग्स तय करना और डाटा सेविंग मोड यूज करना भी फोन को पर्सनलाइज कर देता है।
बता दें, तीन बड़े चरणों में फोन को सिर्फ एक डिवाइस से आपका टूल बनाया जा सकता है और ऐसा किए बिना आप किसी फोन को अपना शायद ही कह सकते हैं।
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