कानपुर में रंगमंच की स्थिति बेहद खराब है। ऐतिहासिक हॉल जर्जर हो गए हैं और कलाकारों को उचित स्थान नहीं मिल रहा है। नगर निगम ने सुधार का प्रस्ताव तैयार किया था, लेकिन वह आगे नहीं बढ़ा। रंगमंच की पहचान...
आजादी के बाद दिव्यांगों की स्थिति में सुधार की बजाय समस्याएं बढ़ी हैं। सरकारी दफ्तरों में सुविधाओं की कमी, भेदभाव और अनदेखी के चलते दिव्यांगजन को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। दिव्यांगजन अधिकार...
कानपुर में नेपाली समुदाय को पहचान और नागरिकता के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। प्रशासन उनकी संख्या को शून्य मानता है, जबकि उनकी संख्या 87,500 होने का दावा है। समुदाय को पासपोर्ट, आरक्षण, और सामाजिक...
बिरहाना रोड की दवा बाजार में कई दशकों से कारोबार हो रहा है, लेकिन अब व्यापारियों को सफाई, बिजली के जर्जर पोल और अवैध कब्जों जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। व्यापारियों का कहना है कि सरकार ने...
शहर के युवा खिलाड़ी क्रिकेट, बास्केटबाल, वॉलीबाल, हॉकी, फुटबाल जैसे खेलों में अंतर्राष्ट्रीय पहचान बनाना चाहते हैं। लेकिन उन्हें उचित सुविधाओं और प्रशिक्षकों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रीनपार्क...
सेवानिवृत्त पेंशनधारकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। नई पेंशन स्कीम के तहत अधिकांश पेंशनधारकों की पेंशन नहीं बन पाई है। चिकित्सा प्रतिपूर्ति में देरी और कटौतियों के कारण उन्हें मुश्किलों...
कानपुर में जैन समाज की आबादी 20 हजार है, लेकिन उन्हें उचित अधिकार नहीं मिलते। मंदिरों के पास सड़कें ठीक नहीं हैं और मांस-मदिरा की दुकानें चल रही हैं, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं। जैन समाज ने...
कानपुर की चकरपुर स्थित सब्जी मंडी में स्वच्छता की कमी है, जबकि पीएम स्वच्छता के लिए प्रेरित कर रहे हैं। मंडी में 10000 लोगों का आना-जाना होता है, लेकिन टॉयलेट और अन्य सुविधाओं की कमी है। आढ़तियों को...
आईटीआई पांडुनगर ने 65 वर्षों में 2 लाख से अधिक हुनरमंद तैयार किए हैं। अब छात्रों और शिक्षकों की मांग है कि आईटीआई को हाईटेक बनाया जाए। वर्तमान में छात्रों को पुराने संसाधनों पर पढ़ाई करनी पड़ रही है,...
अखबार वितरक शहर के हर घर से जुड़े होते हैं, जो सुबह जल्दी ताजा समाचार पहुंचाते हैं। उनकी समस्याएं जैसे स्वास्थ्य सेवा, आवास और बुनियादी सुविधाओं की कमी है। अखबार वितरकों की जिंदगी रात 2 बजे से शुरू...