जर्जर सड़कें दुरुस्त हों व जाम से निजात मिले तो आग पर काबू पाना होगा आसान
जिले में तेज धूप और पछुआ हवा के कारण आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं। फायर ब्रिगेड कर्मियों को घटनास्थल पर पहुंचने में जाम और संकरी सड़कों जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लोगों की लापरवाही और गलत...
तेज धूप व पछुआ हवा के कारण जिले में आग लगने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड कर्मी हमेशा तत्पर रहते हैं। कई बार वे इस दौरान हादसे के शिकार भी हो जाते हैं। सबसे अधिक परेशानी फायर ब्रिगेड कर्मियों को घटनास्थल पर पहुंचने में होती है। जाम और संकरी सड़कों से होकर उन्हें तेजी से घटनास्थल के लिए निकलना पड़ता है। ऐसे में रास्ते में मिलने वाले जाम से उन्हें दो-चार होना पड़ता है। सायरन बजाने के बाद लोग दमकल की गाड़ियों को साइड नहीं देते हैं। इसका सबसे अधिक नुकसान फयर ब्रिगेड कर्मियों को उठाना पड़ता है।
जाम के अलावा भी यदि लोग सड़क पर चल रहे हैं और उन्हें सायरन की आवाज सुनाई दे रही है तब भी वे सड़क छोड़ना मुनासिब नहीं समझते हैं। अग्निशमन पदाधिकारी सह समादेष्टा मनीष कुमार ने बताया कि अक्सर घटना होने पर लोग गलत पता बता देते हैं। इससे घटनास्थल पर पहुंचने में परेशानी होती है। समय से नहीं पहुंचने पर लोगों का सबकुछ जलकर राख हो जाता है। कई बार तो जर्जर सड़क व गलियों में गाड़ी नहीं जा पाती। इस कारण गंतव्य तक पहुंचने में समय लगता है। आग लगने पर लोगों को सही पता बताना चाहिए। साथ ही उन्हें उपस्थिति का मैप भी भेजना चाहिए। इससे कर्मियों को घटनास्थल पर पहुंचने में सुविधा होगी। घटनास्थल पर देरी से पहुंचने पर कर्मियों को लोगों का कोपभाजन बनना पड़ता है। सोनू कुमार यादव, शैलेंद्र कुमार आदि ने बताया कि पानी भरने के लिए हाईड्रेंड की कमी है। हालांकि पूर्व तैयारी के तहत पानी भरकर रखा जाता है। अब निजी जगहों से भी पानी भरने की अनुमति मिल गई है। सभी प्रखंडों में हाइड्रेंड बनाने का काम जल्द शुरू किया जाएगा। गाड़ियों में पानी भरने में भी समय लगता है। आग के प्रति लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है। दमकल कर्मियों के पहुंचने के बाद भी लोग आग में कूदने के लिए बेचैन हो जाते हैं। उन्हें दमकल कर्मियों की मदद करनी चाहिए। न कि खुद से आग बुझाने के लिए खतरा मोल लेना चाहिए। ऐसा करने से कई बार लोग झुलस जाते हैं। इसका गुस्सा लोग दमकल कर्मियों पर उतारते हैं। आग लगने के समय लोगों को संयम से काम लेना चाहिए। इसके लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए।आग लगने पर क्या करना चाहिए, बचाव के क्या उपाय हैं इसके बारे में लोगों को जानकारी दी जानी चाहिए। कई बार पुलिस कर्मी घटनास्थल पर देरी से पहुंचते हैं। उनके रहने पर हमलोगों काे आग बुझाने में सहूलियत होती है। पुलिस कर्मी लोगाें की भीड़ को अलग रखते हैं। इससे काम करने में सुविधा होती है और काम जल्दी निपट जाता है। लोग हमलोगों के साथ दुर्व्यवहार करने लगते हैं। पुलिस की उपस्थिति में हमलोग अपना काम बेहतर तरीके से कर पाते हैं। जागरूक करने के लिए लोगों को मॉक ड्रिल प्रदर्शनी आदि कार्यक्रम में शामिल कराना चाहिए। आग लगने पर 101, 112 एवं जिला अग्निशमन कंट्रोल बेतिया के मोबाइल नंबर पर 7485805805 पर अविलम्ब कॉल किया जाना चाहिए। ताकि समय रहते लोगों को राहत पहुंचायी जा सके।
प्रस्तुति- इहतेशामुल हक
फायर ब्रिगेडकर्मियों को नयी तकनीक का दिया जाता है प्रशिक्षण हमारे कर्मी काफी निपुण है। हमारे पास फायर स्टेशन ऑफिसर -1, सब ऑफिसर -1, हवालदार -3, अग्निक चालक -11 तथाअग्निक -36 हैं। साथ ही एमएसटी गाडी -5,वाटर टेंडर -2, तथा फोम टेंडर -1 मौजूद् है। इसमें उपयोग होने वाले अन्य उपकरणों में फायर मैन एक्स, स्मोक एग्जेस्टर, फलटरी पंप, प्रोसमैक्सी सूट, डिलीवरी हौज, सेक्शन हौज, फायर मौजूद है। हमारे कर्मी हर आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहते हैं। उन्हें इस तरह का प्रशिक्षण दिया जाता है।
नयी तकनीक से हमेशा अपडेट रहना सिखाया जाता है। लोगों को जागरूक करने के लिए प्रतिदिन विभिन्न जगहों पर मॉक ड्रिल कराया जाता है। लोगों को जागरूक करने के लिए डिजिटल प्रचार प्रसार कराया जाता है। पानी खत्म होने की स्थिति में कही से भी पानी लिया जा सकता है। कोई इसका विरोध नहीं कर सकता है। अगर कोई विरोध करेगा तो उसके विरुद्ध कानूनी करवाई करने का भी प्रावधान है।
- मनीष कुमार, अग्निशमन पदाधिकारी सह समादेष्टा
सुझाव
1. आग लगने की घटना होने पर सूचना देने के साथ लोग सही पता बताएं। सटीक पता से ही जल्द पहुंचा जा सकता है।
2. शहरी क्षेत्र समेत सभी जगहों की जर्जर सड़कों की मरम्मत की जाय ताकि दमकल को पहुंचने में आसानी हो।
3. अगलगी की घटना वाले स्थल पर पुलिस का सहयोग मिलना चाहिए। लोगों का आक्रोश कर्मियों को झेलना पड़ता है।
4. पानी भरने के लिए जगह-जगह हाइड्रेंड लगाये जाएं। खास कर शहरी क्षेत्र में यह अतिआवश्यक है।
5. सड़कों से अतिक्रमण हटे, ठेला-खोंमचा न लगे और लोग दमकल के सायरन पर तत्काल साइड दें।
शिकायतें
1. अगलगी की घटना होने पर लोग सूचना तो देते हैं लेकिन पता सटीक नहीं बताते हैं, इससे पहुंचने में दिक्कत होती है।
2. शहरों में सबसे ज्यादा परेशानी जाम के कारण होती है। चाहकर भी दमकल गाड़ी तेजी से आगे नहीं बढ़ पाती है।
3. शहरी क्षेत्र में पानी भरने के लिए परेशान होना पड़ता है। अधिकतर जगहों पर पानी की व्यवस्था नहीं है।
4. टूटीं व जर्जर सड़कें होने के कारण समय पर घटनास्थल की ओर जाने में समस्या होती है।
5. सायरन सुनने के बाद भी लोग दमकल वाहनों को साइड नहीं देेते हैं, अतिक्रमित सड़क के कारण भी दिक्कत होती है।
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