सरकारी अस्पताल में बिजली व जेनरेटर भुगतान की शुरू हुई जांच
मोतिहारी के सरकारी अस्पतालों में जेनरेटर के बिल भुगतान में अनियमितताएँ पाई जा रही हैं। बिजली रहने के बाद भी जेनरेटर चलने का भुगतान किए जाने के मामले की जांच राज्य स्वास्थ्य समिति कर रही है। ऑडिट टीम...

मोतिहारी,नगर संवाददाता। सरकारी अस्पताल में बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए जेनरेटर की व्यवस्था की गई है। कहीं इसकी व्यवस्था एनजीओ के द्वारा कराई गई है तो कहीं खुद सरकारी अस्पताल ने अपनी व्यवस्था की है। जेनरेटर का भुगतान, कितने घंटा बिजली नहीं रही व कितना देर जेनरेटर चला इसके हिसाब से भुगतान करने का नियम है। मगर इस भुगतान में कुछ जगहों से अनियमितता यानि बिजली रहने के बाद भी जेनरेटर चलने के बिल भुगतान करने का मामला आने पर इसकी जांच राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा की जा रही है। जानकार बताते हैं कि जांच करीब एक सप्ताह से चल रही है।
जिसमें कुछ जगह से अस्पताल प्रबंधक व लेखापाल से लेकर चिकत्सिा प्रभारी के द्वारा बिजली रहते भी अधिक घंटे जेनरेटर चलने का भुगतान कर दिया है। बताते हैं कि इसका खुलासा बिजली विभाग से बिजली आपूर्ति की रिपोर्ट ऑडिट टीम के द्वारा लिए जाने के बाद से हो रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, ऑडिट टीम जेनरेटर कितना देर चला और कितने देर बिजली विभाग आपूर्ति की है इसका मिलान कर रहा है। इस मिलान में बहुत स्वास्थ्य केंद्र के अनियमतता का राज खुलना शुरू हो गया है। मगर इस रिपोर्ट की अभी जिला स्वास्थ्य समिति खुलासा नहीं कर रही है ,क्योंकि अभी सभी सरकारी अस्पताल की रिपोर्ट नहीं आयी है। बताते हैं कि इस रिपोर्ट को राज्य स्वास्थ्य समिति को भेजा जायेगा। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉक्टर रवि भूषण श्रीवास्तव ने बताया कि अभी उनके सामने रिपोर्ट नहीं आई है। ऑडिट अपना काम कर रहा है। रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ बता सकते हैं।
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