पाकिस्तान के दोस्त तुर्की को झटके पर झटका, गुजरात के बाद राजस्थान से भी बुरी खबर!
आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना के 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पाकिस्तान का साथ निभाने वाले तुर्की को झटके पर झटका लग रहा है।

आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना के 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पाकिस्तान का साथ निभाने वाले तुर्की को झटके पर झटका लग रहा है। दहशतगर्दों को पालने वाले मुल्क का साथ देने की वजह से भारत में तुर्की के खिलाफ 'बहिष्कार' वाला माहौल बन रहा है। गुजरात और राजस्थान से इसकी शुरुआत हो भी हो चुकी है।
असल में हाल के समय में पाकिस्तान को उसकी नापाक हरकतों के बावजूद चीन और तुर्की का साथ मिलता रहा है। भारत के ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद उपजे जंग जैसे हालात में भी तुर्की ने पाकिस्तान का साथ दिया है। पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ जिन हथियारों का इस्तेमाल किया उनमें से अधिकतर चीनी और तुर्की की ओर से ही दिए गए थे।
गुजरात में टूर ऑपरेटर्स ने बंद की बुकिंग
देश गुजरात की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात में टूर ऑपरेटर्स ने तुर्की के खिलाफ बड़ा फैसला लेते हुए वहां के लिए बुकिंग बंद कर दी है। तुर्की के अलावा अजरबैजान का भी बहिष्कार किया गया है, जिसने पाकिस्तान के समर्थन की बात कही थी। हाल के समय में गुजरात से हजारों पर्यटक इन दो देशों में घूमने गए हैं। तुर्की में गुजराती पर्यटकों की संख्या इतनी होती है कि हाल के सालों में उसने अहमदाबाद में रोड शो किया है। अजरबैजान में भी बड़ी संख्या में पर्यटक जाते थे, इस वजह से अजयरबैजान एयरलाइंस ने बैकू से अहमदाबाद के बीच सीधी फ्लाइट दी है। इस बीच बड़ी संख्या में गुजराती पर्यटक तुर्की में छुट्टियां मनाने के लिए अडवांस में की गई बुकिंग को रद्द करा रहे हैं।
राजस्थान के उदयपुर से भी तुर्की के लिए बुरी खबर
उदयपुर के मार्बल कारोबारियों ने भी तुर्की के बहिष्कार का फैसाल कर लिया है। उदयपुर मार्बल प्रोसेसर कमिटी के अध्यक्ष कपिल सुराना ने एएनआई से बाचती में कहा, 'उदयपुर एशिया की सबसे बड़ी निर्यात मंडी है और हमने फैसला किया है कि तुर्की ने जो पाकिस्तान का साथ दिया है उसकी वजह से तुर्की से माल आयात नहीं करेंगे। भारत में 14 से 18 लाख टन माल आयात होता है, इसमें से करीब 70 फीसदी माल तुर्की का होता है। यदि इतनी बड़ी मात्रा में तुर्की का माल आता है तो हम उसको सपोर्ट कर रहे हैं। उन्होंने जो हमारे खिलाफ गतिविधि की है, इसलिए उदयपुर के साथ पूरे भारत के कारोबारी रोक दें तो एक संदेश जाएगा कि सरकार के साथ उद्योगपति भी खड़े हैं।' उन्होंने कहा कि देश के दूसरे हिस्सों के मार्बल कारोबारियों से भी संपर्क करके उन्हें ऐसा करने को कहा गया है। सुराना ने कहा कि सिर्फ मार्बल नहीं बल्कि अन्य सामानों के कारोबारियों को भी इसी तरह बहिष्कार करना चाहिए।