PHE Department Urges Quick Repair of Defunct Water Hand Pumps in Bihar चापाकल की मरम्मति एक सप्ताह के अंदर होगी, Patna Hindi News - Hindustan
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चापाकल की मरम्मति एक सप्ताह के अंदर होगी

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार ने चापाकलों की खराब स्थिति को सुधारने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने मरम्मत दल गठित करने, समय सीमा में कार्य पूरा करने और संबंधित अधिकारियों के...

Newswrap हिन्दुस्तान, पटनाTue, 29 April 2025 08:09 PM
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चापाकल की मरम्मति एक सप्ताह के अंदर होगी

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) के प्रधान सचिव पंकज कुमार ने राज्य में खराब चापाकलों को एक सप्ताह के अंदर दुरुस्त करने को कहा है। मंगलवार को जलापूर्ति व्यवस्था की समीक्षा बैठक में उन्होंने अधीक्षण अभियंताओं को ये निर्देश दिये। बैठक में सभी प्रमंडलीय मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता एवं कार्यपालक अभियंता शामिल हुए। दो सत्रों में चली बैठक में विभागीय योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। प्रधान सचिव ने अधीक्षण अभियंताओं से कहा कि प्रत्येक 3-4 पंचायत पर एक मरम्मत दल गठित करें। इनसे एक सप्ताह में सभी खराब चापाकलों को पुन: क्रियाशील करें। विभाग का मार्च के दूसरे सप्ताह से ही चापाकल मरम्मत अभियान जारी है। जिन क्षेत्रों में टैंकर से पेयजल आपूर्ति की जा रही है, वहां प्राथमिकता के आधार पर नए चापाकल स्थापित करें। उन्होंने बंद पड़ी योजनाओं को योजनाओं को चालू रखने के लिए मोटर, स्टार्टर जैसे उपकरणों की मरम्मत 24 घंटे में करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मरम्मति कार्यों में रुचि नहीं लेने वाले या समयसीमा के भीतर कार्य पूर्ण नहीं करने वाले संवेदकों के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करें। बैठक में जीरो ऑफिस डे अभियान के तहत किए गए निरीक्षण कार्यों की भी समीक्षा की गई। उन्होंने अधिकारियों को प्रत्येक जीरो ऑफिस डे अभियान में न्यूनतम 15 से 20 योजनाओं का भौतिक सत्यापन अनिवार्य रूप से करने का सख्त निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि छूटे हुए टोलों में भी जलापूर्ति का कार्य शीघ्र पूर्ण कर लिया जाएगा।

पांच कार्यपालिका अभियंताओं से स्पष्टीकरण

बैठक में कुछ प्रमंडलों जैसे मुजफ्फरपुर, मोतीपुर, औरंगाबाद, सीवान, बेतिया और गया की प्रगति की स्थिति पर असंतोष व्यक्त करते हुए प्रधान सचिव ने वहां के कार्यपालक अभियंता से स्पष्टीकरण तलब किया है। यह भी कहा कि जलापूर्ति योजनाओं की क्रियाशीलता 90 प्रतिशत से नीचे रहने पर संबंधित पदाधिकारियों के विरुद्ध विधि सम्मत विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

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