बिहार की 7 विभूतियों को पद्म पुरस्कार 2025 के लिए चुना गया है। जिसमें तीन शख्सियतों को मरणोपरांत सम्मान मिला है। जिसमें शारदा सिन्हा को पद्म विभूषण, सुशील मोदी को पद्म भूषण और किशोर कुणाल को पद्म श्री अवॉर्ड दिया गया है। जिसके अलावा 4 और लोगों को पद्म श्री पुरस्कार मिला है।
पद्म अवॉर्ड्स की अनाउंसमेंट्स हो गई है और इस बार एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से कई सेलेब्स को सम्मान मिलने वाला है।
शारदा सिन्हा को याद करते हुए पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने सेवाओं से संबंधित कठिनाइयां मुझसे साझा की थीं। मैंने उचित प्रक्रिया का पालन किया
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा गुरुवार दोपहर में पटना पहुंच गए। वे सीएम नीतीश के साथ स्टीमर में बैठकर गंगा नदी किनारे बने छठ घाटों का दौरा करेंगे। उनका शारदा सिन्हा के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि देने का भी कार्यक्रम है।
Sharda Sinha Last Rites: शारदा सिन्हा की इच्छा थी कि जहां उनके पति का अंतिम संस्कार हुआ वहीं उन्हें भी अंतिम विदाई दी जाए। इी वजह से उनका अंतिम संस्कार गुलबी घाट पर हुआ। गुलबी घाट पर पहुंचने से पहले शाव यात्री निकाली गई।
शारदा सिन्हा के निधन के बाद उनके बेटे अंशुमान ने इच्छा जताई है कि उनकी मां को मरणोपरांत पद्म विभूषण मिलना चाहिए। यह देश का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। बता दें कि शारदा सिन्हा को लोक गायन के क्षेत्र मेें अतुलनीय योगदान के लिए पूर्व मेें पद्म भूषण और पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है।
शारदा सिन्हा अनंत यात्रा पर तब निकल गईं जब आस्था रखने वाले लोग देश दुनिया में छठ में त्योहार मना रहे थे। पहले दिन कद्दू भात के साथ श्रद्धालुओं ने नहाए खाए किया। अंत्येष्टि गुरुवार को संझिया अर्घ्य पर किया जाएगा और वह पंच तत्व में विलीन हो जाएंगी।
सीएम नीतीश कुमार शारदा सिन्हा के आवास पर पहुंचे और अंतिम दर्शन के साथ पुष्पांजलि कर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किए जाने का निर्देश दिया।
Sharda Sinha Latest News: जानकार बताते हैं कि शारदा सिन्हा पढ़ने में होनहार थी। कोई भी पंक्ति उन्हें एक बार पढ़ने से याद हो जाता था। समय पर हर कार्य को करना पसंद करती थीं। चेहरे पर मुस्कुराहहट उनकी पहचान थी।
Sharda Sinha Demise: साल 1978 में लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के प्रसिद्ध गीत 'उग हो सूरज देव' गाकर उन्होंने लोकगायिका के तौर पर अपनी अलग पहचान बनाई। आज दुनियाभर में स्वर कोकिला शारदा सिन्हा के करोड़ों चाहने वाले हैं।