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कृषि मंत्री को दरभंगा नहीं पूर्णिया आना चाहिये था

-70 प्रतिशत मखाना का उत्पादन पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज व सहरसा में पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवादाता। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवर

Newswrap हिन्दुस्तान, पूर्णियाMon, 24 Feb 2025 02:55 AM
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कृषि मंत्री को दरभंगा नहीं पूर्णिया आना चाहिये था

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवादाता। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान को सामाजिक कार्यकर्ता विजय श्रीवास्तव ने पत्र लिखकर केन्द्रीय बजट 2025 में बिहार के लिए मखाना बोर्ड के गठन के प्रस्ताव की सराहना करते हुए कहा है कि मखाना आधारित आज की आपकी दरभंगा यात्रा बिल्कुल न्यायोचित नहीं है, यह पूर्णिया में होना चाहिए था। देश में मखाने का 70 प्रतिशत उत्पादन बिहार के पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, कटिहार, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा और खगड़िया जिलों में होता है। यह सभी जिला भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय के 100 किलोमीटर की त्रिज्या अंतर्गत आते हैं। इन 8 जिलों में खेत और तालाब आधारित पद्धतियों से मखाना उत्पादन का रिकॉर्ड लाजवाब है। उन्होंने लिखा है कि मखाना के क्षेत्र में अनुसंधान एवं अन्वेषण के लिए भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय विश्व का इकलौता महाविद्यालय है। मखाना आधारित अनुसंधानकर्ताओं एवं अन्वेषकों की अनूठी टीम भोला पासवान शास्त्री महाविद्यालय में उपलब्ध है और मखाना अनुसंधान के क्षेत्रों में इस कृषि महाविद्यालय की अबतक की उपलब्धियां सराहनीय, प्रशंसनीय एवं अनूठी है। मखाना के क्षेत्र में भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय बिहार का एक मात्र राज्यस्तरीय नोडल केन्द्र है। मखाना को जी. आई. टैग दिलाने में इस कृषि महाविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान है। जल प्लावित भूभाग (वेटलैंड) में मखाना की खेती, खेत और तालाब पद्धतियों से मखाना की खेती को बढ़ावा देने में इस कृषि महाविद्यालय की उपलब्धियां काबिलेतारीफ साबित हो चुकी है। भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय पूर्णिया के मखाना वैज्ञानिकों के अथक प्रयास एवं मखाना आधारित विभिन्न तकनिकियों के प्रचार-प्रसार से वर्तमान में हजारों हेक्टेयरों मखाना की खेती होने का श्रेष्ठ कीर्तिमान बना है। भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय में मखाना बोर्ड की स्थापना होने से पूर्णिया के सौ किलोमीटर त्रिज्या अंतर्गत आने वाले मखाना उत्पादन से जुड़े बिहार के अनेक जिलों में मखाना उत्पादकों की वर्षों से जारी उपेक्षाएं एवं बदहाली समाप्त होने लगेगी, मखाना से जुड़े व्यवसायियों - उद्यमियों की आर्थिक स्थितियां भी सुदृढ़ होने लगेगी और उच्चतम तकनीकों से युक्त मखाना प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज की स्थापना की शुरुआत शीघ्रता से प्रारंभ हो जाएगी। भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय के पास लगभग 210 एकड़ का विशाल परिसर उपलब्ध है, जिसमें सिर्फ और सिर्फ 30 एकड़ में महाविद्यालय का सारा इंफ्रास्ट्रक्चर कार्यरत है। सामाजिक कार्यकर्ता ने इन विषयों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आग्राह कृषि मंत्री से किया है।

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