राजस्थान में नगरपालिका चुनाव टालने पर HC सख्त; सरकार और निर्वाचन आयोग से मांगा जवाब
राजस्थान हाईकोर्ट ने सूबे की नगरपालिकाओं में चुनाव टालकर प्रशासक नियुक्त करने पर राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा है। विस्तृत जानकारी के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट…

राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश की नगरपालिकाओं में चुनाव टालकर प्रशासक नियुक्त करने के मामले में राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा है। यह मामला पूर्व विधायक संयम लोढ़ा की ओर से दाखिल जनहित याचिका से जुड़ा है। याचिका में 55 शहरी निकायों में समय पर चुनाव नहीं करा करा कर प्रशासक नियुक्त किए जाने को चुनौती दी गई है।
मंगलवार को न्यायाधीश श्रीचंद्रशेखर और न्यायाधीश आनंद शर्मा की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान के मुख्य सचिव, स्वायत्त शासन विभाग के सचिव एवं निदेशक, राज्य निर्वाचन आयोग और चुनाव आयुक्त को चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता पुनीत सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि इन 55 शहरी निकायों का कार्यकाल नवंबर 2024 में समाप्त हो गया था। फिर भी राज्य सरकार ने चुनाव नहीं कराए और इनमें प्रशासकों की नियुक्ति कर दी। याचिका में कहा गया है कि प्रशासक नियुक्त करना संविधान के अनुच्छेद 243 और राजस्थान नगरपालिका अधिनियम, 2009 का स्पष्ट उल्लंघन है।
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों में यह स्पष्ट किया गया है कि प्राकृतिक आपदा जैसी विशेष परिस्थिति को छोड़कर स्थानीय निकायों में कार्यकाल पूरा होने के बाद चुनाव टाले नहीं जा सकते। इसलिए प्रशासकों की नियुक्ति से संबंधित अधिसूचना को रद्द किया जाए और शीघ्र ही संवैधानिक प्रावधानों के तहत चुनाव आयोजित किए जाएं।
कोर्ट में सुनवाई से पहले याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के निर्देश पर अमानत राशि के रूप में 50 हजार रुपए जमा करवाए। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने कोर्ट को बताया कि सरकार चुनाव कराने के लिए तैयार है और इस संबंध में विस्तृत जानकारी जल्द कोर्ट में पेश की जाएगी।
बता दें कि राजस्थान की 6759 ग्राम पंचायतों में पूर्व सरपंचों को प्रशासक बनाए जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर भी हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। ऐसे में शहरी निकायों के चुनाव टालने का मामला भी महत्वपूर्ण बन गया है। अब कोर्ट की अगली सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से पेश जवाब पर निगाहें टिकी होंगी।