रोका जा सकता था गोवा मंदिर हादसा : रिपोर्ट
शब्द : 243 ---------- -खराब योजना व क्रियान्वयन की कमी को बताया जिम्मेदार

शब्द : 243 ---------- -खराब योजना व क्रियान्वयन की कमी को बताया जिम्मेदार पणजी, एजेंसी गोवा के मंदिर में भगदड़ की जांच के लिए गठित तथ्यान्वेषी समिति का कहना है कि हादसे को पूरी तरह से रोका जा सकता था। उत्तरी गोवा के श्री लइराई देवी मंदिर में 3 मई को भगदड़ के दौरान 6 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 100 लोग घायल हुए थे। मामले की जांच के लिए गोवा सरकार ने एक तथ्यान्वेषी समिति का गठन किया था। समिति जांच के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि इस हादसे को पूरी तरह रोका जा सकता था।
समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह घटना खराब योजना, क्रियान्वयन की कमी, निर्देशों की अनदेखी व अपर्याप्त बुनियादी ढांचे का परिणाम थी। राजस्व सचिव संदीप जैक्स की अध्यक्षता वाली समिति ने भविष्य में इस तरह के हादसों को टालने के लिए सिफारिशें भी की हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भगदड़ का तात्कालिक कारण ताली (पवित्र तालाब) से होमखंड (जहां अनुष्ठान के लिए अग्नि जलाई जाती है) तक ढलान वाले रास्ते पर अत्यधिक भीड़ होना था। श्रद्धालुओं के बर्ताव और भीड़ नियंत्रण के उचित उपाय नहीं होने के कारण स्थिति और बिगड़ गई। घटना में घायल हुए कुछ लोगों ने समिति को बताया कि अतीत में भी इसी प्रकार की छोटी-मोटी घटनाएं हो चुकी हैं। समिति ने कहा कि आयोजकों, जिला प्रशासन और जिला पुलिस को पिछली घटनाओं की समीक्षा करनी चाहिए थी और पर्याप्त एहतियाती कदम उठाने चाहिए थे।
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