भगवानपुर में जंग खाकर नष्ट हो रहे चापाकलों के अवशेष
भगवानपुर के विभिन्न वार्डों में कई चापाकल खराब पड़े हैं, जिन्हें पीएचईडी द्वारा न तो मरम्मत किया जा रहा है और न ही हटाया जा रहा है। स्थानीय लोग और राहगीर इन चापाकलों पर निर्भर हैं। चापाकलों की मरम्मत...

ऐसे चापाकलों की पीएचईडी न मरम्मत कर रहा और न उखाड़गाड़ राहगीरों व आसपास के लोगों को ऐसे चापाकल से नहीं मिल रहा पानी (बोले भभुआ) भगवानपुर, एक संवाददाता। प्रखंड मुख्यालय भगवानपुर के विभिन्न वार्डों में कई ऐसे चापाकल हैं, जो विशेष मरम्मत के अभाव में बेकार पड़े हैं। ऐसे चापाकलों के अवशेष जंग खाकर नष्ट हो रहे हैं। इन चापाकलों की पीएचईडी न मरम्मत करा रहा है और न उखाड़गाड़ प्रक्रिया के तहत दूसरा चापाकल गड़वा रहा है। इस कारण स्थानीय लोगों के अलावा राहगीरों को परेशानी हो रही है। जिनके घरों में समरसेबल लगे हैं, उनका काम तो चल जा रहा है, पर जिनके घरों में यह सुविधा नहीं है, वह सार्वजनिक चापाकल के पानी पर ही निर्भर रहते हैं।
बताया गया है कि वर्ष 2011 में पंचायत योजना की राशि से छोटे मुंडे वाले करीब 10 चापाकल गाड़े गए थे। इनमें अधिकतर चापाकल विशेष मरम्मत की आस में हैं। हालांकि पीएचईडी से इस मुद्दे पर बात की गई तो बताया गया कि उन्हें पंचायत की ओर से ऐसे चापाकलों की सूची उपलब्ध नहीं कराई गई है। इस कारण उनकी मरम्मत नहीं कराई जा रही है। एक जानकार ने बताया कि अब छोटा मुंडा वाला चापाकल नहीं गाड़े जा रहे हैं। विशेष मरम्मत या उखाड़गाड़ की स्थिति वाले चापाकल का प्राक्कलन बनाना होता है। स्वीकृति मिलने व राशि आवंटित होने पर काम किया जाता है। भगवानपुर के मनोरंजन कुमार व मोहित कुमार का कहना है कि यदि ऐसे चापाकलों की जगह दूसरा चापाकल गड़वा दिया जाता, तो अच्छा रहता। पीएचईडी द्वारा ऐसे चापाकलों को उखाड़कर उसके पार्ट्स की नीलामी कर दी जाती, तो राजस्व की प्राप्ति हो जाती। लेकिन, ऐसा भी नहीं किया जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई जगहों के ऐसे चापाकलों के पार्टस की चोरी कर असामाजिक तत्व कबाड़ में बेच रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि नशा के आदि लोग ऐसी हरकत करने में ज्यादा शामिल रहते हैं। अगर समय रहते चापाकलों को स्थल से नहीं हटवाया गया, तो मौका मिलते ही उसके शेष अवशेष को भी वह बेच सकते हैं। फोटो- 14 मई भभुआ- 1 कैप्शन- भगवानपुर के वार्ड आठ में जंग खाकर खराब होता बुधवार को दिखता चापाकल।
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