बर्ड फ्लू की आशंका पर अलर्ट, रिस्पॉन्स टीम तैयार
Mau News - मऊ में गोरखपुर के चिड़ियाघर में बाघिन की मौत के बाद एच-5 एवियन एन्फ्लूएंजा वायरस की पुष्टि हुई है। पशुपालन विभाग ने बर्ड फ्लू के खिलाफ सतर्कता बढ़ा दी है। नागरिकों से पक्षियों की आकस्मिक मौत की सूचना...

मऊ। पड़ोसी जिले गोरखपुर के चिड़ियाघर में एक बाघिन की मौत हो गई थी, उसके सैंपल की जांच में एच-5 एवियन एन्फ्लूयंजा वायरस की पुष्टि के बाद जिले का पशुपालन विभाग बर्ड फ्लू को लेकर सतर्क हो गया है। जिले किसी भी स्थान पर पक्षियों के मरने की सूचना मिलने पर पशुपालन विभाग गहनता से जांच करेगी और फौरी तौर पर निरोधात्मक कार्रवाई की जाएगी। राहत और बचाव के लिए त्वरित कार्यवाही दल (आरआरटी) का गठन कर दिया गया है। हालांकि, अबतक कोई ऐसी सूचना नहीं है। वहीं, सीवीओ ने सभी पशु चिकित्सा अधिकारियों को नियमित सैंपल लेने और सर्विलांस को निर्देशित किया है।
वन विभाग से समन्वय बनाकर किसी पक्षी की आकस्मिक मौत होने पर उसकी तत्काल सूचना भेजने को कहा है। गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान में एक बाघिन की मौत के बाद सात मई को बर्ड फ्लू जांच को सेंपल लेकर राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान आनंदनगर, भोपाल भेजा गया था। सोमवार 12 मई को इसकी रिपोर्ट में टाइगर में एच-5 एविएन एन्फ्लूएजां वायरस के पाजीटिव होने की पुष्टि हुई। इसकी जानकारी होते ही सोमवार को ही पशुपालन विभाग के निदेशक ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारियों को बर्ड फ्लू से निपटने और सतर्कता बरतने को पत्र जारी किया। इसके बाद पशु पालन विभाग ने जिले के पोल्ट्री फॉर्मों की सूची और उसके पक्षियों की संख्या अपडेट करने, जनपदस्तरीय टास्क फोर्स को आपात स्थिति से निपटने को जुट गया। बर्ड फ्लू की निगरानी के लिए त्वरित कार्यवाही टीम गठित की है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी नवीन कुमार ने सभी पशु चिकित्सा अधिकारियों को विशेष दिशा-निर्देश जारी किया है। इसमें नियमित सैंपल लेने और सर्विलांस करने को निर्देशित किया गया। उन्हें वन विभाग से समन्वय बनाकर पक्षियों की आकस्मिक मौत होने पर तत्काल सूचना भेजने एवं एवियन इन्फ्लूएंजा से निपटने को सभी सामग्री और उपकरणों की व्यवस्था करने को कहा है। मुर्गियों में तेजी से फैलता है बर्ड फ्लू मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नवीन कुमार ने बताया पक्षियों में खासकर मुर्गियों में बर्ड फ्लू तेजी से फैलता है। संक्रामक बीमारी होने की वजह से पक्षियों से मनुष्यों में यह बीमारी स्थानान्तरित हो जाती है। इसके लिए एच5एन1 एन्फ्लुएंजा को जिम्मेदार माना जाता है। पक्षियों में एन्फ्लुएंजा का संक्रमण होने पर सांस लेने में कठिनाई होने लगती है। बार-बार दस्त आता है। भूख का कम लगती है। पक्षियों में अंडा के उत्पादन में भी कमी आ जाती है और अचानक मौत होने लगती है। एक साथ बड़े पैमाने पर मौत होने पर मुर्गीपालन करने वालों को करारी आर्थिक चोट पहुंचती है। कुछ पक्षियों में सिर, कंधे या वेटल्स में सूजन का आना भी इसका लक्षण माना जाता है। पक्षी मरते देखें तो पशुपालन विभाग को दें सूचना पशुपालन विभाग ने आम नागरिकों से अपील की है। सभी से कहा है कि यदि उनके क्षेत्र में पक्षियों के मरने जैसी घटनाएं हो रही हैं जिसकी सूचना तुरंत पशुपालन विभाग को दें। उनकी सूचना बर्ड फ्लू रोकने के अभियान में अहम कड़ी साबित होगी। सूचना के बाद विभाग के कर्मी उस क्षेत्र में पहुंचकर जांच और सुरक्षात्मक कार्रवाई शुरू कर देंगे। पोल्ट्री फार्म और गौशाला को सेनेटाइज करने का निर्देश मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. नवीन कुमार ने बताया मंगलवार को मुख्य सचिव ने बर्ड फ्लू को लेकर समीक्षा बैठक की। इसमें निर्देश दिया कि सभी गोसदन, गोआश्रय स्थलों, गोसंरक्षण केंद्रों, कान्हा हाउस और पोल्ट्री फार्मों पर जरूरी दवाओं को छिड़काव कराएं। सेनेटाइजेशन जारी रखें। साफ-सफाई का ध्यान रखते हुए बीमार पशु और पक्षी को अलग रखें। इसके क्रम में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया सभी जगहों पर दवाओं का छिड़काव करने की तैयारी चल रही है। बर्ड फ्लू के लक्षण खांसी, बुखार, गले में खराश, छींक के साथ नाक बहना, मांसपेशियों में दर्द, सिर दर्द, सांस लेने में तकलीफ, पेट की समस्या आदि इसके लक्षण हैं। संक्रमित जानवरों और पंक्षियों के सम्पर्क में आने वाला व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है। जनपद में कोई मामला नहीं मिला बर्ड फ्लू से निपटने के लिए सारी तैयारी पूरी हो चुकी है। हालांकि, अभी जनपद में ऐसा कोई मामला नहीं मिला है, लेकिन एहतियात के तौर पर सतर्कता बरती जा रही है। त्वरित कार्यवाही टीम का गठन कर दिया गया है। पक्षियों के मरने की सूचना मिलने पर निरोधात्मक कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। - नवीन कुमार, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, मऊ।
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