अपडेट :::शौर्य चक्र विजेता की मां सहित 60 पाकिस्तानी कश्मीर से निर्वासित
जम्मू-कश्मीर से मंगलवार को 60 पाकिस्तानी नागरिकों को निर्वासित किया गया, जिनमें शहीद कांस्टेबल मुदासिर अहमद शेख की मां शमीमा अख्तर भी शामिल हैं। ये नागरिक अमरनाथ यात्रा पर हमले के इरादे से आए आतंकियों...

(अपडेट : शौर्य चक्र विजेता की आतंकियों से मुठभेड़ का ब्यौरा जोड़ते हुए) --------------------------------------------
श्रीनगर, एजेंसी
जम्मू-कश्मीर से मंगलवार को 60 पाकिस्तानी नागरिकों को निर्वासित किया गया। उनमें एक शौर्य चक्र विजेता पुलिस कांस्टेबल की मां भी शामिल हैं जो अमरनाथ यात्रा पर हमले की मंशा से आए आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए थे।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के आदेश के चलते मंगलवार को जम्मू-कश्मीर से 60 पाकिस्तानी नागिरकों को बस से पंजाब ले जाया गया। वहां से बाघा बार्डर से उन्हें पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा।
अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार निर्वासित लोगों में से 36 श्रीनगर, 9 बारामुला, 9 कुपवाड़ा, 4 बड़गाम व 2 शोपियां में रह रहे थे। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान भेजे जा रहे नागरिकों में आतंकी हमले में शहीद होने वाले शौर्य चक्र विजेता की मां शमीमा अख्तर भी शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि कांस्टेबल मुदासिर अहमद शेख मई 2022 में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे जिन्हें मई 2023 में मरणोपरांत शौर्य चक्र प्रदान किया गया था। मुदासिर की मां शमीमा अख्तर ने अपने पति के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से यह सम्मान प्राप्त किया था। 25 मई 2022 को पुष्ट सूत्रों से जानकारी मिली थी कि तीन हथियारबंद विदेशी आतंकी आगामी अमरनाथ यात्रा पर हमले की मंशा से एक वाहन से आ रहे हैं। सूचना पर बारामुला में सुरक्षाबलों ने संयुक्त अभियान शुरू किया और मुदासिर ने एक आतंकी को वाहन से बाहर खींच लिया। इस दौरान वह बाकी आतंकियों की गोली से गंभीर रूप से घायल हो गए फिर भी उन्होंने आतंकियों से मुठभेड़ जारी रखी और उन्हें निष्क्रिय कर दिया। बाद में उनकी मृत्यु हो गई।
शहीद मुदासिर के अंकल मोहम्मद युनुस का कहना है कि उनकी भाभी पाक अधिकृत कश्मीर से हैं। उन्होंने कहा कि वह तो हमारे ही देश का हिस्सा है, ऐसे में सिर्फ पाकिस्तानी नागरिकों को ही देश से बाहर भेजा जाना चाहिए। उन्होंने कहा मुदासिर के निधन के बाद गृह मंत्री अमित शाह व उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने घर जाकर परिवार से मुलाकात भी की थी। युनुस का कहना है कि उनकी भाभी पिछले 45 साल से भारत में रह रही हैं। उन्होंने गृह मंत्री व प्रधानमंत्री से शमीमा अख्तर को निर्वासित न किए जाने की अपील की है।
बारामुला शहर के मुख्य चौक का नाम शहीद मुदसिर के नाम पर रखा गया है। निर्वासित लोगों में कुछ पूर्व आतंकियों की पत्नी व बच्चे भी शामिल हैं जो वर्ष 2010 पुनर्वास नीति के तहत घाटी में लौट आए थे।
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