पहलगाम में स्टॉल के पीछे पहले से बैठे थे आतंकी, 2 दिन पहले का ही था प्लान; NIA की जांच में क्या निकला
करीब दो से तीन मिनट में ही आतंकियों ने धर्म पूछकर 4 लोगों को मार डाला। इसके बाद फिर कुछ और आतंकी पास की ही पहाड़ी से आए और अंधाधुंध गोलियां चलाईं। इस हमले में 26 लोग मारे गए। इनमें से एक स्थानीय आदिल था, जो घोड़ा चलाता था।

पहलगाम आतंकी हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA ने तेज कर दी है। जांच में पता चला है कि पहलगाम में मासूम पर्यटकों को गोलियों से भून देने वाले आतंकी पहले से ही वहां एक फूड स्टॉल के पास बैठे थे। मौके पर मौजूद लोगों ने एनआईए से बताया है कि दो आतंकी बैसरन घाटी में उस फूड स्टॉल के पास पहले से ही बैठे थे, जहां उन्होंने घटना को अंजाम दिया। ये लोग करीब ढाई बजे अचानक ही निकले और वहां खा-पी रहे लोगों से उनका धर्म पूछा। इन लोगों ने जब बताया कि वे हिंदू हैं तो उनको मार डाला गया। करीब दो से तीन मिनट में ही आतंकियों ने धर्म पूछकर 4 लोगों को मार डाला। इसके बाद फिर कुछ और आतंकी पास की ही पहाड़ी से आए और अंधाधुंध गोलियां चलाईं। इस हमले में 26 लोग मारे गए। इनमें से एक स्थानीय आदिल था, जो घोड़ा चलाता था।
NIA ने शुरुआती जांच में जो पाया है, उसके मुताबिक यह आतंकी हमला दो दिन पहले ही होना था। लेकिन खराब मौसम के कारण आतंकियों ने प्लान टाल दिया। इस हत्याकांड के दौरान आतंकियों ने कई हिंदुओं से कलमा पढ़वाया और उनकी पैंट भी उतरवाई ताकि चेक किया जा सके कि उनका खतना हुआ है या नहीं। इसके बाद उन लोगों को बेहद करीब से ही सिर में गोली मार दी गई। सिर में ही गोली इसलिए मारी गई ताकि तय हो सके कि वे मर गए हैं या नहीं। NIA का कहना है कि ऐसा नहीं लगता है कि आतंकियों ने जिसे जहां पाया कत्ल किया। यह घटना सोची-समझी तो है ही। इसके अलावा आतंकियों ने हर शख्स के पॉइंट ब्लैंक रेंज से गोली मारी ताकि उनकी मौत तय हो जाए।
मौके पर मौजूद लोगों या फिर घटना में बाल-बाल बचे लोगों ने पूरा वाकय़ा एजेंसी से बयान किया है। इन लोगों का कहना है कि दो आतंकियों ने जब 4 लोगों को उनका मजहब पूछकर मार डाला तो वहां दहशत फैल गई थी। इस दौरान दो और आतंकी पास के ही जंगल से निकलकर आए। इन लोगों ने भी फायरिंग शुरू की तो लोग वहां से जहां-तहां भागने लगे। सूत्रों के अनुसार आतंकियों ने अप्रैल के पहले सप्ताह में ही इलाके की रेकी की थी। फिलहाल NIA की टीम स्थानीय लोगों से यह जानने का प्रयास कर रही है कि क्या पिछले कुछ दिनों में उन्होंने कोई संदिग्ध गतिविधि देखी थी। इसके अलावा होटलों के सीसीटीवी कैमरों की भी पड़ताल की जा रही है।
22 अप्रैल को हमले के दौरान मौजूद थे 5000 आतंकी
इस फैक्ट की भी जांच की जा रही है कि क्या आतंकी हमला दो दिन पहले ही होने वाला था। यदि हां तो फिर क्या मौसम खराब होने के अलावा भी कोई वजह थी, जो उसे टाल दिया गया। कहा जा रहा है कि 20 और 21 अप्रैल को बारिश होने के बाद 22 तारीख को टूरिस्टों की पहलगाम में अच्छी संख्या थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि हमले वाले दिन पहलगाम की बैसरन घाटी में स्थानीय और बाहरी लोगों को मिलाकर 5000 लोग थे। शायद इसलिए वही दिन आतंकियों को हमले के लिए मुफीद लगा था। NIA का कहना है कि फिलहाल किसी भी ऐंगल को खारिज नहीं किया जा सकता। यह शुरुआती जांच है और भविष्य कुछ चीजें और भी निकल सकती हैं।