पाकिस्तानी नागरिकों की हो गई पहचान, केंद्र के आखिरी फैसले का इंतजार कर रही राज्य सरकार
पहलगाम हमले के बाद भारत ने सख्त कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा को रद्द करने का ऐलान कर दिया था। अब तक सैकड़ों पाकिस्तानियों को वापस उनके देश लौटा दिया गया है।

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत में पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान कर उन्हें अपने मुल्क भेजे जाने का सिलसिला जारी है। पहलगाम हमले के बाद सीमा पार आतंकवाद पर कड़ा प्रहार करते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों को जल्द से जल्द पाकिस्तानियों की पहचान कर उन्हें यहां से निकालना का निर्देश दिया था। इस बीच ओडिशा सरकार ने भी भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान कर ली है और राज्य सरकार फिलहाल उन्हें वापस भेजने के लिए गृह मंत्रालय से नए निर्देश का इंतजार कर रही है। एक अधिकारी ने बताया है कि केंद्र सरकार ने इसे लेकर फिलहाल कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है।
जानकारी के मुताबिक पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र के निर्देश के मद्देनजर ओडिशा पुलिस ने ओडिशा में रह रहे 12 पाकिस्तानी नागरिकों को नोटिस दिया था। इनमें कई महिलाएं भी शामिल थीं। अधिकारियों ने बताया है कि इसके बाद भुवनेश्वर में रह रही 51 वर्षीय महिला को वापस भेज दिया गया है। वहीं ओडिशा के डीजीपी वाईबी खुरानिया ने मंगलवार को बताया कि जिन 11 लोगों को भारत छोड़ने का नोटिस दिया गया है, वे फिलहाल केंद्र सरकार के निर्देशों का उल्लंघन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने बताया, "सरकार ने अपना रुख बदल दिया है और 11 लोगों को दस्तावेज प्रस्तुत करने और वीजा के लिए आवेदन करने के लिए कहा गया है। उनके आवेदन करने के बाद केंद्र एक नया निर्देश देगा कि उनके साथ क्या करना है। अगर भारत सरकार कहती है कि उन्हें भारत छोड़ना है तो ऐसा ही होगा।”
बता दें कि पहचान किए गए 11 नागरिकों में से दो मामले राज्य सरकार के लिए बेहद पेचीदा लग रहे हैं। इनमें से 2 महिलाओं ने देश छोड़ने से साफ मना कर दिया है। बालासोर के सोरो इलाके में रहने वाली 71 वर्षीय विधवा रजिया सुल्ताना ने निर्वासन आदेश का पालन करने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि उनका जन्म भारत में हुआ था, लेकिन बाद में उनके माता-पिता पाकिस्तान चले गए। महिला के मुताबिक वह 1980 में अपने तीन भाई-बहनों और माता-पिता के साथ भारत आई थीं। एक साल बाद वह ओडिशा आईं और यहां एक शख्स से शादी कर ली। उनके परिवार के सदस्य 1984 में पाकिस्तान लौट गए, लेकिन सुल्ताना अपने पति के साथ ओडिशा में ही रहने लगी। फिलहाल 25 अप्रैल को उन्हें भारत छोड़ने का नोटिस दिए जाने के बाद उनका परिवार बेहद परेशान है। उनका कहना है कि पैन कार्ड, राशन कार्ड और आधार कार्ड होने के बावजूद उन्हें जाने के लिए क्यों कहा जा रहा है।