भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक स्तर पर जवाबी कार्रवाई की शुरुआत कर दी है और इसे लेकर विदेशी प्रतिनिधियों को बताया गया कि पर्याप्त सबूतों के आधार पर ये कदम उठाए जा रहे हैं।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट ने ली, जिसे पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी माना जाता है।
पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तानी मूल के प्रोफेसर इश्तियाक अहमद ने अपनी सेना के प्रमुख आसिम मुनीर को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से जनरल आसिम मुनीर ने हिंदू और मुस्लिम को अलग बताया और फिर एक सप्ताह के अंदर ही आतंकियों ने ऐसा हमला कर दिया। इससे सवाल तो उठता ही है।
शाह ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि वे पाकिस्तानी नागरिकों की सूची केंद्र सरकार को भेजें ताकि उनके वीजा तुरंत रद्द किए जा सकें और उन्हें देश से बाहर निकाला जाए।
वीर सावरकर पर राहुल गांधी की माफीवीर वाली टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों का मजाक न उड़ाएं। बेंच ने राहुल गांधी के वकील सिंघवी से पूछा कि क्या राहुल गांधी को पता है कि महात्मा गांधी ने भी अंग्रेजों से संवाद में खुद के लिए 'आपका वफादार सेवक' शब्द का इस्तेमाल किया था।
पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को ऐसा लगता था कि उन्हें एक मजबूत मुल्क मिला है। 1947 से 1960 के दौरान ऐसा दिखा भी, जब पाकिस्तान के लोगों की प्रति व्यक्ति आय मजबूत थी। वहां बाल मृत्यु दर भारत से कम थी और औसत आयु के मामले में भी पाकिस्तान आगे थे। लेकिन अब तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है।
भारत की सख्त चेतावनी और सिंधु जल संधि पर उठाए गए कदम के बाद पाकिस्तान की हालत पतली हो गई है। अब वही मुल्क विश्व बैंक से रहम की भीख मांगने की तैयारी में है।
जॉर्डन के गृह मंत्रालय ने मुस्लिम ब्रदरहुड पर पाबंदी का फैसला लिया है। इसी संगठन को हमास बनाने का जिम्मेदार माना जाता है। मिस्र से शुरू हुआ यह संगठन दुनिया के कई देशों में फैला हुआ है। मुसलमानों को एकजुट रखने को अपना एजेंडा बताने वाले मुस्लिम ब्रदरहुड को बीते दशक में आंदोलन की भी वजह माना जाता है।
पाकिस्तान के ही प्रोफेसर इश्तियाक अहमद ने उसकी पोल खोली है और खूब लताड़ा है। उन्होंने कहा कि आखिर यह कैसा संयोग है कि कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने भारत और हिंदुओं के खिलाफ नफऱत का इजहार किया और फिर इस तरह का हमला हो गया, जिसमें बेगुनाह लोग मारे गए।
नायब सिंह सैनी से बातचीत करते हुए विनय की बहन ने आपा खो दिया। उन्होंने रोते हुए कहा, ‘कोई नहीं आया डेढ़ घंटा तक। वहां कोई भी नहीं आया, वह जिंदा था और कोई आता तो वह बच सकता था। वहां आर्मी होती तो वह बच सकता था। इसके आगे वह रोते-चिल्लाते हुए कहती हैं कि मुझे वह मरा हुआ चाहिए, जिसने मेरे भाई को मारा।'