jk police jawan was martyred while fighting terrorists now preparations are being made to send his mother to Pakistan शौर्य चक्र विजेता की मां को पाकिस्तान भेजने की तैयारी, 2022 में आतंकियों से लड़ाई में हुए थे शहीद, India Hindi News - Hindustan
Hindi NewsIndia Newsjk police jawan was martyred while fighting terrorists now preparations are being made to send his mother to Pakistan

शौर्य चक्र विजेता की मां को पाकिस्तान भेजने की तैयारी, 2022 में आतंकियों से लड़ाई में हुए थे शहीद

Jammu kashmir news: जम्मू-कश्मीर में पुलिस अधिकारियों ने 60 पाकिस्तानी नागरिकों को चिन्हित किया है, जिन्हें सरकारी आदेश के मुताबिक जल्द से जल्द भारत छोड़ना होगा। इन्हीं 60 लोगों में एक नाम 2022 में शहीद पुलिस जवान मुदासिर अहमद शेख की मां शमीमा अख्तर का भी है।

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानTue, 29 April 2025 07:56 PM
share Share
Follow Us on
शौर्य चक्र विजेता की मां को पाकिस्तान भेजने की तैयारी, 2022 में आतंकियों से लड़ाई में हुए थे शहीद

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार ने भारत में रह रहे पाकिस्तानियों को वापस भेजने का फैसला लिया था। इसी सिलसिले में जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों ने भी राज्य में रह रहे 60 पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन 60 लोगों की सूची में सबसे ज्यादा ध्यान खींचने वाला नाम 2022 में हुए एक एनकाउंटर में शहीद हुए पुलिस जवान मरणोपरांत शौर्य चक्र विजेता मुदासिर अहमद शेख की मां का शमीमा अख्तर का भी है।

पूरे देश में चल रहे इस घटना क्रम पर मुदासिर के चाचा यूनुस ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मेरी भाभी पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर की रहने वाली हैं। वह तो हमारा ही हिस्सा है। ऐसे में सरकार को उन्हें निर्वासित नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुदासिर की शहादत के बाद केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने परिवार से मुलाकात की थी और उपराज्यपाल भी दो बार परिवार से मिलने आए थे।

यूनुस ने कहा,"मेरी भाभी जब यहां आई थीं, तब उनकी उम्र महज 20 साल थी। वह पिछले 45 सालों से यहीं भारत में रह रही हैं। उनके बेटे ने देश के लिए अपनी शहादत दी है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मेरी अपील है कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।"

जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान मुदासिर अहमद शेख 2022 में पाकिस्तानी आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे एक अभियान का हिस्सा थे, जिसमें गोली लगने की वजह से उनकी मौत हो गई थी।मुदासिर को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। मई 2023 में दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से शमीमा ने अपने पति के साथ यह पुरस्कार लिया। बारामूला में शहीद मुदासिर के नाम पर एक चौक भी बनाया गया है।

ये भी पढ़ें:तुम कश्मीरी नहीं लगते, हिन्दू हो? हमले से एक दिन पहले भी आतंंकी ने पूछा था धर्म
ये भी पढ़ें:कश्मीर में और हो सकते हैं आतंकवादी हमले, आधे से ज्यादा टूरिस्ट स्पॉट बंद
ये भी पढ़ें:कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा, भारत-पाक तनाव के बीच मिली अहम जिम्मेदारी

स्थानीय अधिकारियों ने निर्वासन की प्रक्रिया के बारे में बात करते हुए कहा कि 60 पाकिस्तानी नागरिकों को निर्वासित करने की प्रक्रिया चल रही है। निर्वासित किए जा रहे लोगों में से ज्यादातर पूर्व आतंकवादियों की पत्नियां और उनके बच्चे हैं,जो आतंकवाद छोड़ चुके लोगों के लिए 2010 में चलाई गई पुनर्वास नीति के तहत घाटी में लौटे थे। अधिकारियों ने बताया कि इनमें से 36 पाकिस्तानी श्रीनगर में, नौ-नौ बारामूला और कुपवाड़ा में, चार बडगाम में और दो शोपियां जिले में रह रहे थे। इन सभी लोगों को बसों में भरकर पंजाब लाया जाएगा, जहां से अटारी बॉर्डर के जरिए इन्हें पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा।