कई अस्पतालों ने आयुष्मान को पैसे स्वैप करने की मशीन बना ली है : डॉ इरफान
स्वास्थ्य सुरक्षा योजना को लेकर कार्यशाला का आयोजन, सभी अस्पताल बेड बढ़ाने पर दें ध्यान, सरकार करेगी मदद, राज्य में मातृ मृत्यु दर और बाल मृत्यु दर मे

रांची। संवाददाता आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य एवं अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत बीएनआर होटल में मंगलवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया है। कार्यशाला में सभी जिलों के सिविल सर्जन के साथ शहरी क्षेत्र के 50 बेड से कम के अस्पताल एवं ग्रामीण क्षेत्र के 30 बेड से कम के अस्पताल के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि कई अस्पतालों ने आयुष्मान योजना को पैसे स्वैप करने का मशीन बना दी है। ऐसे अस्पतालों की मंशा बेड बढ़ाने और इलाज करने की नहीं है, बल्कि सिर्फ पैसे कमाने की है। चार-पांच बेड लगाकर बाहर से चिकित्सक बुलाकर इलाज कराते हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में लोगों को गुणवत्तापूर्ण इलाज मुहैया करने के लिए राज्य सरकार तत्पर है। वह चाहते हैं कि राज्य में अधिक से अधिक अस्पताल खुलें, अगर अर्हता में थोड़ी कमी भी रहेगी तो विचार किया जाएगा। राज्य में बेहतरीन डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी। रिम्स की व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार प्रयासरत हैं और हम चाहते हैं कि एआई तकनीक से इलाज हो। उन्होंने साथ ही कहा कि कई अस्पतालों में कई तरह की खामियां हैं। कई अस्पताल सिर्फ तीन-चार बेड के ही हैं।
अस्पताल मरीज के इलाज की लें पूर्ण जिम्मेदारी
मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने निजी अस्पतालों में इलाज के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि प्राइवेट अस्पताल जब तक आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य एवं अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का पैसा रहता है, तब तक तो इलाज करते हैं, इसके बाद उन्हें रेफर कर देते हैं। ऐसे में गंभीर अवस्था में भर्ती मरीज की मौत हो जाती है। ऐसी स्थिति अमानवीय है और अस्पतालों को मरीज के इलाज की पूर्ण जिम्मेदारी लेनी चाहिए। मंत्री ने कहा कि इस कार्यशाला में निजी अस्पताल प्रबंधन से जुड़े बहुत सारे लोग नहीं आ पाए हैं, लेकिन हम उनके लिए फिर से एक कार्यशाला का आयोजन करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं भी एक डॉक्टर हूं और मैं हर हाल में आपको मदद ही करूंगा। मैं स्वास्थ्य व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाना चाहता हूं। अगर कोई समस्या हो तो आप सीधे मुझसे बात कर सकते हैं।
राज्य को एक लाख से अधिक बेड की जरूरत, पर सिर्फ 31 हजार ही बेड
कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि हमारे राज्य में 31,000 बेड हैं। जिनमें से सरकारी अस्पतालों में 15,500 के आसपास बेड हैं और यही हाल निजी अस्पतालों का भी है। उन्होंने कहा कि राज्य के अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ायी जानी चाहिए, क्योंकि राज्य में 1,13,000 बेड होने चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में मातृ मृत्यु दर और बाल मृत्यु दर में कमी आई है। दोनों में हम बेहतर कर रहे हैं। इसलिए दूसरे राज्य के लोग भी हमारे राज्य में इलाज के लिए आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी सुविधाएं दे रहे हैं, ताकि कोई भी इलाज से वंचित नहीं हो। उन्होंने सभी अस्पतालों के प्रबंधन से कहा कि अगर किसी प्रकार की कोई दिक्कत होती हो तो हमें बताएं, हम पूरी मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि गाइडलाइन को बढ़िया से पढ़ें।
सभी प्राइवेट अस्पताल गाइडलाइन का सौ प्रतिशत अनुपालन करें सुनिश्चित
झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी के कार्यकारी निदेशक अबु इमरान ने सभी प्राइवेट अस्पतालों से गाइडलाइन का सौ प्रतिशत अनुपालन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि छोटे अस्पताल गाइडलाइन को नहीं समझ पा रहे हैं। उनके पास कर्मचारी भी ट्रेंड नहीं हैं। इसलिए उन्हें ऐसे लोगों की जरूरत है, जो ट्रेंड हो और गाइडलाइन को समझ सकें। उन्होंने सभी अस्पतालों से राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना और वय वंदन योजना के तहत भी इनरोल करने पर बल दिया।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।