लंबित वादों का प्राथमिकता से निस्तारण के निर्देश
Mau News - मऊ में जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र की अध्यक्षता में लंबित वादों के निस्तारण पर समीक्षा बैठक हुई। उन्होंने तहसीलवार लंबित मामलों की समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को प्राथमिकता के साथ निस्तारण के निर्देश...
मऊ। जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र की अध्यक्षता में बुधवार देर शाम कलक्ट्रेट सभागार में विभिन्न धाराओं में लंबित वादों के निस्तारण की प्रगति के संबंध में समीक्षा बैठक हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने विभिन्न धाराओं में निर्धारित समयसीमा के बाद लंबित वादों की तहसीलवार, न्यायालय वार समीक्षा की। पीठासीन अधिकारियों को लंबित वादों का प्राथमिकता के साथ निस्तारण करने के निर्देश दिए। कहा लापरवाही पर संबंधित लेखपाल एवं कानूनगो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। धारा 24 में लंबित वादों की समीक्षा के दौरान उप जिलाधिकारी न्यायिक सदर में समयसीमा के बाद लंबित वादों की संख्या अधिक पाए जाने पर उन्होंने संबंधित उप जिलाधिकारी को इसमें तेजी लाने के निर्देश दिए।
इस काम में लापरवाही करने पर उन्होंने संबंधित कानूनगो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को भी कहा। जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र ने कहा रबी फसल कटाई के बाद धारा 24 में पारित किए गए आदेशों के अनुसार तत्काल कार्रवाई करें। धारा 34 एवं धारा 35 के वादों की समीक्षा के दौरान उन्होंने समस्त पेशकारो को प्रतिदिन इन धाराओं में लंबित वादों की सूची तैयार कर संबंधित पीठासीन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा। धारा 34 में सबसे ज्यादा लंबित प्रकरण तहसील मुहम्मदाबाद गोहाना में नायब तहसीलदार कोर्ट में पाई गई। जिलाधिकारी ने संबंधित नायब तहसीलदार को इस पर विशेष ध्यान देने को कहा। इसी प्रकार उन्होंने धारा 35 वाले वादों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। धारा 34 एवं 35 में तहसील मुहम्मदाबाद गोहाना में उप जिलाधिकारी न्यायिक के कोर्ट में 299 तथा तहसीलदार कोर्ट में 672 मामले अभी निस्तारण के लिए लंबित है। जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी मुहम्मदाबाद गोहना को नियमित सुपरविजन करते हुए इन धाराओं में लंबित वादों का तत्काल निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार उन्होंने धारा 116 में 5 वर्ष से ऊपर समस्त न्यायालयों के कुल 13 वाद अब भी लंबित पाए जाने पर इसे तत्काल निस्तारित करने को कहा। धारा 67 में 3 से 5 वर्ष के बीच के मुकदमों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करने के भी निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिए गए। इस दौरान अपर जिलाधिकारी सत्यप्रिय सिंह, समस्त उप जिलाधिकारी, समस्त तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार और संबंधित न्यायालयों के पेशकार भी उपस्थित रहे। बिना कारण आवेदनों को निरस्त करने पर दी चेतावनी मऊ। जिलाधिकारी ने अनुसूचित जाति एवं जनजातियों द्वारा जमीन विक्रय के लिए आवेदनों को बिना ठोस कारण निरस्त करने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। तहसीलदारों को सचेत किया कि इस प्रकार की शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने समस्त उप जिलाधिकारी, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों को उनकी कोर्ट में लंबित विभिन्न धाराओं से संबंधित वादों की सूची तैयार कर उनका गहनता से अध्ययन करने के निर्देश दिए। साथ ही बेहतर प्रयास कर यथाशीघ्र उनके न्यायालय में लंबित वादों का निस्तारण सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
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