सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मैनपुरी के लोगों की ईमानदारी के मुरीद हो गए हैं। अखिलेश ने मैनपुरी में एक चाट वाले के यहां चाट खाई और उसे 1000 रुपये दिए लेकिन चाट वाले ने लेने से इनकार कर दिया।
यूपी में मैनपुरी लोकसभा और खतौली व रामपुर विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में रामपुर की सीट पर भगवा फहराकर बीजेपी ने राहत महसूस की है लेकिन बाकी दो सीटों पर स्थिति उसके लिए अच्छा संकेत नहीं है।
उपचुनावों के नतीजों ने साफ कर दिया है कि मिशन-2024 की सफलता के लिए भाजपा को अपना पश्चिमी यूपी का किला मजबूत करना होगा। सपा-रालोद ने की जीत ने जिस जातीय जुगलबंदी के संकेत दिए हैं, उससे उबरना ही होगा।
रामपुर में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आसिम राजा की शुरुआती बढ़त ने लखनऊ तक को टेंशन में डाल दिया। दोपहर एक बजे तक सपा आगे चलती रही। इस दौरान लखनऊ से लेकर रामपुर तक फोन घनघनाते रहे।
चाचा-भतीजे के मिलन को सपा के लिए बेहतर माना जा रहा है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इससे न सिर्फ मुलायम परिवार बल्कि पार्टी भी मजबूत होगी लेकिन सवाल यह है कि क्या दोनों चाचा की दूरियां खत्म हो पाई?
ज्योतिष में हर घटनाक्रम को अपने नजरिए से देखा जाता है। आजम खान के साथ कुछ ऐसा संयोग है कि उनके लिए ‘अ’ अक्षर के जातक भारी पड़े। जानकारों के मुताबिक आजम खान का हर विरोध मेष राशि के जातक के साथ रहा।
खतौली विधानसभा उपचुनाव में रालोद ने भाजपा का गढ़ माने जाने वाली खतौली में बड़ी जीत हासिल की है। इसके बाद भी रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी जश्न नहीं मना रहे हैं। उन्होंने खुद को आहत बताया है।
26 साल पहले खतौली में भाजपा की हैट्रिक को रालोद के राजपाल बालियान ने रोकते हुए जीत का स्ट्रॉक खेला था। ठीक उसी तरह इस बार रालोद गठबंधन ने प्रत्याशी मदन भैया को बैटिंग थमा भाजपा की हैट्रिक को रोक दिया।
मायूसी के दौर में सपा को मिला जीत का यह ‘बूस्टर डोज’ उसके कार्यकर्ताओं को फिर यूपी के मैदान में एकजुट होकर जूझने की ताकत दे सकता है। अखिलेश ने नए सिरे से पार्टी को मजबूत करने की तैयारी के संकेत दिए।
रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा के सपाई किले ढहने के बाद अब सबकी निगाहें मैनपुरी पर टिकी थीं। मगर मैनपुरी, खतौली के नतीजों से साफ हो गया है कि भाजपा को 2024 के लिए अपना तरकश नए नए तीरों से सुसज्जित करना होगा।