लापरवाही पर यूपी रेरा का बड़ा एक्शन, 12 अधिकारियों और कर्मचारियों को किया बर्खास्त
यूपी रेरा में लापरवाही पर बड़ा एक्शन हुआ है। 12 अधिकारियों और कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। रेरा ने इन अफसरों के खराब आचरण और ईमानदारी पर संदेह के बाद एक्शन लिया है।

उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) ने मंगलवार को लापरवाही पर बड़ा एक्शन लिया है। प्राधिकरण ने खराब आचरण और ईमानदारी पर संदेह वाले 12 अधिकारियों और कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। प्राधिकरण के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने बताया कि रेरा ने अपने कर्मचारियों के बीच पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सख्त आंतरिक निगरानी तंत्र लागू किया है।
रेड्डी ने एक बयान में बताया कि इन प्रयासों के तहत रेरा में प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी से ईमानदारी का शपथ-पत्र लिया जाता है। उन्होंने कहा कि हटाए गए कर्मचारियों में तीन जेई (कनिष्ठ अभियंता, एक सहायक लेखाकार, चार कंप्यूटर ऑपरेटर, एक हेल्प डेस्क कर्मचारी और एक चपरासी शामिल हैं। रेड्डी का यह बयान भ्रष्टाचार निरोधक टीम द्वारा रिश्वतखोरी के आरोप में यूपी रेरा के एक लेखाकार को गिरफ्तार के दो दिन बाद आया है। ग्रेटर नोएडा में मकान खरीदने वाले एक व्यक्ति ने लेखाकार की शिकायत की थी।
क्यों बनी रेरा, क्या उद्देश्य
रेरा की स्थापना 2017 में लखनऊ में और क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना 2018 में ग्रेटर नोएडा में की गई थी। इसका उद्देश्य रियल एस्टेट परियोजनाओं में पारदर्शिता लाना, विकासकर्ताओं की जवाबदेही तय करना और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना है। संस्था सभी स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों से ईमानदारी और संवेदनशीलता की अपेक्षा करती है।
रेरा प्रत्येक कर्मचारी से सत्यनिष्ठा का शपथ-पत्र लेता है और कार्यालय परिसर में सभी कक्षों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। वरिष्ठ अधिकारी नियमित रूप से कर्मचारियों व आगंतुकों की गतिविधियों पर नजर रखते हैं। रेरा जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलते हुए अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करता है। रेरा ने यह स्पष्ट संकेत दिए हैं कि संस्था अपने उद्देश्यों से किसी भी प्रकार की चूक को बर्दाश्त नहीं करेगी और भविष्य में भी इसी तरह अनुशासन बनाए रखने के लिए कड़ी निगरानी जारी रखेगी।