Passenger Transport Issues Due to Poor Railway Connectivity in District बोले आजमगढ़ : परिसर में गंदगी, वाटर कूलर उगलता गर्म पानी, Azamgarh Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsAzamgarh NewsPassenger Transport Issues Due to Poor Railway Connectivity in District

बोले आजमगढ़ : परिसर में गंदगी, वाटर कूलर उगलता गर्म पानी

Azamgarh News - जिले में रेलवे कनेक्टिविटी की कमी के कारण यात्री बसों पर निर्भरता बढ़ गई है। रोडवेज बसें यहाँ के निवासियों की लाइफलाइन हैं, लेकिन यात्री सुविधाओं की कमी है। पानी की व्यवस्था न होना, गंदगी, और बसों की...

Newswrap हिन्दुस्तान, आजमगढ़Wed, 14 May 2025 07:26 PM
share Share
Follow Us on
बोले आजमगढ़ : परिसर में गंदगी, वाटर कूलर उगलता गर्म पानी

रेलवे कनेक्टिविटी बेहतर न होने के कारण जिले में यात्री परिवहन बसों पर ही निर्भर हैं। ये बसें यहां के लोगों के लिए लाइफ लाइन हैं। परिवहन निगम के दो डिपो से हर दिन 500 से अधिक बसों का संचालन होता है। विभाग को रोज लाखों रुपये की आमदनी होती है। मगर यहां यात्री सुविधाओं की भारी कमी है। वाटर कूलर गर्म पानी उगल रहा है। परिसर में मूत्रालय की गदंगी बहती है। भीषण दुर्गंध में यात्रियों का खड़ा होना मुश्किल है। पूछताछ केन्द्र से बसों की समुचित जानकारी नहीं मिलती। रोडवेज परिसर में ‘हिन्दुस्तान से बातचीत में चिरैयाकोट, मऊ के संतोष सिंह ने बताया कि आजमगढ़ से लखनऊ और बनारस के लिए दिनभर बसें हैं, लेकिन गाजीपुर की तरफ जाने वाले यात्रियों को बहुत परेशानी होती है।

बड़ी मुश्किल से घंटों बाद बस आती है। बाहर से आने वाली बसें ठसाठस भर जाती हैं। यह समस्या कई सालों से है। कई बार शिकायत की जाती है। अधिकारी सिर्फ समाधान का आश्वासन देते हैं। ज्ञानदास ने बताया कि रोडवेज स्टेशन में गंदगी का बहुत है। पूर्वी गेट के पास छोटी जगह में यात्रियों के बैठने की व्यवस्था की गई है, लेकिन सामने जमा गंदे पानी से लगातार बदबू आती है। इस वजह से यहां बैठना संभव नहीं। पूर्वी गेट से मुख्य भवन के बीच में मूत्रालय बनाया गया था। उसमें यूरिन निकासी का पाइप आगे नाले की तरफ गया था। शेड निर्माण के दौरान जमीन खोदने से यूरिनल का पाइप फट गया। इससे मूत्र परिसर में फैल रहा है। वाटर कूलर किसी काम का नहीं: कलीम जावेद ने बताया कि रोडवेज परिसर में वाटर कूलर है, लेकिन यह यात्रियों के लिए किसी काम का नहीं है। यह भीषण गर्मी में भी ठंडा पानी नहीं देता। रोडवेज पुलिस चौकी के बगल में स्थापित वाटर कूलर पर पानी लेने जाने वाले यात्री खुद को ठगा महसूस करते हैं। गर्मी और प्यास के चलते यात्रियों का बुरा हाल रहता है। परिवार के साथ आए लोगों को बाहर से ठंडा पानी खरीदकर पीना पड़ता है। तय नहीं होता आने-जाने का समय: बीरू गोंड़ ने बताया कि जौनपुर की तरफ बसों के जाने का कोई समय नहीं है। कई बार दो-दो बसें एक साथ खड़ी रहती हैं तो कभी घंटों नहीं मिलतीं। बसों में सफाई भी नहीं की जाती है। कई बसों की स्थिति ठीक न होने के बाद भी उन्हें सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है। ऐसी बसें कई बार रास्ते में ही धोखा दे जाती हैं। चालक-परिचालक यात्रियों की मुसीबतों से पल्ला झाड़ लेते हैं। कई इलाकों में बस सुविधा नहीं: महराजगंज के जयप्रकाश पांडेय ने बताया कि यह क्षेत्र जिले के अंदरूनी हिस्से में पड़ता है। मुख्य मार्ग पर न होने के कारण वहां से रोडवेज बस नहीं मिल पाती है। परिवहन निगम की तरफ से कुछ साल पहले एक बस चलाई जाती थी। जिसे बाद में बंद कर दिया गया। जिले में कई ऐसे इलाके रोडवेज की सेवा से वंचित हो हैं। महराजगंज जिले का महत्वपूर्ण इलाका है। इन इलाकों में रहने वाले लोगों को डग्गामार वाहनों से जिला मुख्यालय समेत अन्य जगह सफर करना पड़ता है। बाहरी बसों की जानकारी नहीं: सरायमंदराज के रहने वाले मंजेश यादव अपने भांजे को राशन भेजने के लिए रोडवेज स्टेशन आए थे। बोले, बाहर से आने वाली बसों के बारे में स्थानीय डिपो के कर्मचारी कोई जानकारी नहीं रखते हैं। डिपो का नाम और नंबर प्लेट होने के बाद भी बसों की कोई लोकेशन नहीं होती है। बड़े हॉल में लटक रहे ताले: अतरौलिया के शशिकांत उपाध्याय ने बताया कि करीब दस साल पहले मुख्यालय पर परिवहन निगम का नया भवन बना था। इसके बारे तमाम दावे किए गए थे। लेकिन यह भवन यात्रियों की सुविधा के हिसाब से बेहतर नहीं है। नीचे पूछताछ केंद्र के सामने कुछ बेंच लगी हैं। अगर 15 यात्री आ गए तो बैठने की जगह नहीं मिलती। प्रथम तल पर यात्री विश्रामालय में ताला लटकता है। दुकानों के लिए बने बड़े हॉल में भी ताला लटक रहा है। यात्री आज भी पहले की तरह परेशान हैं। रात में बस के इंतजार में रुकने की नौबत आ गई तो गेट के पास फर्श पर चादर बिछाकर सोना पड़ता है। बेकार हैं बसों के प्लेटफार्म : गाजीपुर निवासी नेहा ने बताया कि आजमगढ़ में बसों के लिए बने प्लेटफाॅर्म का कोई मतलब नहीं हैं। बसें कभी भी वहां खड़ी नहीं होतीं। बस के लिए धूप में इधर उधर दौड़ने में हालत खराब हो जाती है। पूर्वी गेट से पश्चिमी गेट की काफी दूरी है। कई बार बस पकड़ने के लिए आगे तिराहे तक दौड़ना पड़ जाता है। बसों को सड़क से कैंपस तक कहीं भी खड़ा कर दिया जाता है। मूत्रालय बनीं पूर्वी गेट की दीवारें: जेपी सिंह ने बताया कि रोडवेज परिसर में मुख्य भवन के सामने सफाई रहती है, लेकिन परिसर के पूर्वी गेट की तरफ बसों के खड़े होने वाले स्थान पर गंदगी रहती है। दीवार को ही मूत्रालय बना दिया गया है। वहीं किनारे मऊ-बलिया की बसें खड़ी होती हैं। गंदगी के बीच से लोगों को बसों में सवार होना पड़ता है। बस में बैठने के बाद भी यात्री बदबू से परेशान रहते हैं। कूड़ा-करकट भी पड़ा रहता है। रोडवेज विभाग को यह अस्वाभाविक नहीं लगता। पूछताछ केंद्र खाली: सूरज सोनी फूलपुर से अभ्युदय कोचिंग की प्रवेश परीक्षा देने आए थे। बताया कि रोडवेज स्टेशन के मुख्य भवन में पूछताछ केंद्र पर कोई नहीं दिखाई देता। कोई जानकारी देने वाला नहीं है। बाहर टहल रहा रोडवेजकर्मी पूछताछ केंद्र ही जाने के लिए कहता है। मुबारकपुर से एक भी बस नहीं : राजनाथ चौहान ने बताया कि मुबारकपुर में करोड़ों की लागत से रोडवेज स्टेशन बनाया गया है, लेकिन वहां से एक भी बस की सुविधा नहीं है। वहां से किसी प्रकार यहां मुख्यालय पर कानपुर की बस पकड़ने के लिए आए, लेकिन कुछ पता नहीं चल रहा है। पूछताछ केंद्र पर गए तो वहां खड़े व्यक्ति को भी कोई जानकारी नहीं थी। उसने कह दिया कि बाहर जाइए। वहीं से बस मिलेगी। हर जगह रुकती हैं नॉन स्टॉप बसें : मोहम्मद बेलाल ने बताया कि वह रोडवेज की अंडरटेकिंग बस से वाराणसी से आजमगढ़ आए। रास्ते में बस के चालक-परिचालक मनमानी करते है। नॉन स्टॉप होने के बाद भी रास्ते में जगह-जगह बस को रोका गया। थोड़ी सी दूरी के बाद जलपान के लिए जरूर रुकेंगे। इसके बाद यात्रियों को रास्ते भर चढ़ाएंगे और उतारेंगे। 15 साल पहले जितना समय वाराणसी जाने में लगता था, आज भी उतना ही लगता है। कोट गाजीपुर जाने के लिए बसों का दो-दो घंटे इंतजार करना पड़ता है। रात में बस नहीं है। इससे परेशानी होती है। संतोष सिंह आरओ में शीतल पेयजल की सुविधा नहीं है। दुकानों से पानी खरीद कर प्यास बुझानी पड़ती है। बीरू गोंड़ महराजगंज सहित देवारा क्षेत्र में डग्गामार वाहनों से सफर करना कष्टदायक होता है। नई बस चले तो राहत मिले। जयप्रकाश पांडेय बच्चे लखनऊ में पढ़ते हैं। उनके लिए बस से राशन भेजा मगर कंडेक्टर ने गलत मोबाइल नंबर दे दिया। मंजेश यादव रोडवेज परिसर में आवारा कुत्ते घूमते रहते हैं। इससे खतरा रहता है। नियमित सफाई भी नहीं होती। जेपी सिंह अभ्युदय कोचिंग में दाखिले के लिए आया था। पूछताछ केन्द्र पर बस के बारे में नहीं बताया जा रहा है। सूरज सोनी रोडवेज परिसर में विश्राम के लिए जगह नहीं है। बस के इंतजार में कुर्सी पर रात गुजारनी पड़ती है। शशिकांत उपाध्याय बसों का तय प्लेटफार्म नहीं है। कैंपस में धूप में बसों के इंतजार में भटकना पड़ता है। प्लेटफार्म तय होना चाहिए। नेहा रोडवेज के पूर्वी गेट के पास मूत्रालय का पानी बहता है। दुर्गंध के चलते यात्री परेशान होते हैं। ज्ञानदास भीषण गर्मी में पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। पता नहीं चल पाता कि आरओ कहां लगा है। इससे दिक्कत होती है। कलीम जावेद पूछताछ केंद्र से बसों के आने-जाने की सही जानकारी नहीं मिलती। इससे बहुत दिक्कत होती है। राजनाथ चौहान वाराणसी से आने पर फजीहत हो गई। नान स्टाॅप बस भी जगह-जगह रोक दी जा रही थी। इससे काफी समय लगता है। मो. बेलाल बोले जिम्मेदार यात्री सुविधाओं पर लगातार ध्यान दिया जाता है। बस स्टेशन परिसर में लगे वाटर कूलर में शीतल जल की व्यवस्था कराई जाएगी। खराब पड़े मूत्रालय की तत्काल मरम्मत कराई कराएंगे। पूछताछ केंद्र को भी दुरुस्त किया जाएगा। मनोज वाजपेयी, क्षेत्रीय प्रबंधक, रोडवेज सुझाव भीषण गर्मी में आरओ प्लांट से ठंडे पानी की आपूर्ति होनी चाहिए। यात्रियों की संख्या को देखते हुए पानी की अतिरिक्त व्यवस्था होनी चाहिए। रोडवेज कैंपस में धूप से बचाव के लिए छायादार पौधे लगाए जाएं या फिर बस स्टाॅपेज के पास शेड की व्यवस्था की जाए। रोडवेज के पूर्वी गेट के पास मूत्रालय सेे बदबूदार बहाव बंद किया जाए ताकि यात्रियों को सहूलियत हो। गाजीपुर जिले के साथ जिले के देवारा क्षेत्र के लिए भी बसों का संचालन किया जाए। डग्गामार वाहनों पर रोक लगाई जाए। नॉन स्टॉप बसों को जगह-जगह न रोका जाए ताकि निर्धारित समय में यात्री सफर पूरा कर सकें। इसके लिए सख्त आदेश जारी किया जाए। शिकायतें रोडवेज कैंपस के पूर्वी भाग में विशाल छायादार पेड़ कट जाने से यात्रियों को कड़ी धूप में बसों का इंतजार करना पड़ता है। गाजीपुर जिले के लिए कम बसों का संचालन होने से यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। कभी-कभी रात में रुकना पड़ जाता है। हर रूट की बसों के लिए प्लेटफाॅर्म नहीं है। कुछ प्लेटफाॅर्म के पास बसों के न रुकने से यात्रियों को भटकना पड़ता है। रोडवेज कैंपस में मूत्रालय का बदबूदार पानी बहता है। वहीं बस खड़ी कर सवारी भरी जाती है। इससे यात्रियों को दिक्कत होती है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बसों का संचालन कम होता है। यात्रियों को ऑटो या डग्गामार वाहनों से सफर करने में परेशानी होती है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।