नशे के आरोपी सहित यूपी के 15 डॉक्टरों पर गिरी गाज, डिप्टी CM ब्रजेश पाठक के निर्देश पर बड़ी कार्रवाई
ड़यूटी के समय नशा करने व राष्ट्रीय कार्यक्रमों में दिलचस्पी न दिखाने समेत अन्य आरोपों में मऊ स्थित सीएचसी रतनपुरा के अधीक्षक रहे डा. भैरव कुमार पाण्डेय को निलंबित कर दिया गया है।

ड़यूटी के समय नशा करने व राष्ट्रीय कार्यक्रमों में दिलचस्पी न दिखाने समेत अन्य आरोपों में मऊ स्थित सीएचसी रतनपुरा के अधीक्षक रहे डा. भैरव कुमार पाण्डेय को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा 14 अन्य डॉक्टरों पर भी कार्रवाई की गई है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर यह बड़ी कार्रवाई की गई है। डा. भैरव पांडेय द्वारा कार्यालय समय में नशा करने, राष्ट्रीय कार्यक्रमों में दिलचस्पी न लेने, अधीनस्थ कर्मचारियों व अन्य लोगों से अभद्रता तथा उच्च स्तर से बैठकों में हिस्सा न लेने के मामले को गंभीरता से लिया गया है।
जांच के बाद डा. भैरव को निलंबित कर दिया गया है। उन्हें आजमगढ़ के अपर निदेशक कार्यालय से संबद्ध किया गया है। डिप्टी सीएम के निर्देश पर प्रमुख सचिव ने निलंबन आदेश जारी कर दिया है। शिकायत मिलने पर डा. भैरव को मऊ सीएमओ ने आठ अप्रैल 2025 को सीएचसी रतनपुरा से हटाकर सीएचसी मझवारा में तैनात किये जाने के आदेश दिए थे लेकिन उन्होंने द्वारा अब तक सीएचसी मझवारा में कार्यभार ग्रहण नहीं किया। वह लगातार गैरहाजिर चल रहे हैं। उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही के भी आदेश दिए गए हैं।
संयुक्त निदेशक पर वित्तीय अनियमितता के आरोप
भदोही के ज्ञानपुर स्थित महाराजा चेत सिंह जिला चिकित्सालय में तैनात फिजीशियन डा. प्रदीप कुमार यादव के खिलाफ प्राइवेट प्रैक्टिस की शिकायत मिली थी। मामले में जांच कराई गई और जांच में प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोपों की पुष्टि हुई। डा. प्रदीप की दो वेतनवृद्धियों स्थायी रूप से रोक दी गई है। परिनिन्दा का दण्ड भी दिया गया है। वहीं, स्वास्थ्य महानिदेशालय में संयुक्त निदेशक डा. सुनील वर्मा पर वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोप लगे हैं। यह आरोप औरेया में चिकित्साधिकारी रहते हुए लगे हैं। इस संबंध में निदेशक (प्रशासन) को जांच के आदेश दिए गए हैं। साथ ही आरोप पत्र देकर विभागीय कार्यवाही किये जाने के निर्देश प्रमुख सचिव को दिये हैं।
इनके खिलाफ होगी विभागीय कार्यवाही
इसके अलावा पांच अन्य चिकित्साधिकारियों के खिलाफ भी डिप्टी सीएम द्वारा प्रमुख सचिव को विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। इन डॉक्टरों पर रोगियों की चिकित्सा में लापरवाही, अनधिकृत रूप से अनुपस्थिति, अनुशासनहीनता के आरोप शामिल हैं। इन चिकित्सकों में कुशीनगर कप्तानगंज सीएचसी के डा. रितेश कुमार सिंह, कानपुर नगर स्थित केपीएम नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में तैनात डा. दीप्ती गुप्ता, गोरखपुर गोला सीएचसी के डा. तनवीर असलम अंसारी, मैनपुरी बरनाहल सीएचसी की दंत शल्यक डा. आकांक्षा पनवार व हरदोई कछौना सीएचसी की डा. रखशिंदा नाहिद शामिल हैं। डिप्टी सीएम ने दो लापरवाह चिकित्साधिकारियों से स्पष्टीकरण तलब करने के निर्देश दिए हैं। इसमें ललितपुर के जखौरा सीएचसी के अधीक्षक डा. समीर प्रधान और बुलंदशहर सीएमओ के अधीन डा. पूनम सिंह शामिल हैं।
बांदा-कुशीनगर सहित कई मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सकों पर भी गाज
बांदा राजकीय मेडिकल कॉलेज के दो डॉक्टरों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। इसमें सर्जरी विभाग के 2 सहायक आचार्यों डा. अनूप कुमार सिंह एवं डा. सोमेश त्रिपाठी शामिल हैं जबकि कुशीनगर स्वशासी मेडिकल कॉलेज में गायनी विभाग की सहायक आचार्य डा. रूचिका सिंह के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। उधर, शाहजहांपुर स्वशासी मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य डा. अभय कुमार सिन्हा और वर्तमान प्रधानाचार्य डा. राजेश कुमार के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही होगी। इन पर सेवा प्रदाता फर्म से साठगांठ करके अनुचित रूप से लाभ दिये जाने के आरोप हैं।