सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि पहले भी संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण का मुद्दा उठाया गया, मगर इसे कभी लागू नहीं किया जा सका। हालांकि, इस बार परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने की शर्त पर लागू किया जा रहा है।
आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के बच्चों को एससी और एसटी आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए। ऐसी मांग वाली याचिका गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई, जिस पर अदालत ने विचार करने से ही इनकार कर दिया। बेंच ने कहा कि किसे आरक्षण मिलना चाहिए और किसे उसके दायरे से बाहर करना चाहिए। यह तय करना संसद का काम है।
विपक्ष ने आंबेडकर, आरक्षण और संविधान के मुद्दे को उठाकर दलितों और पिछड़ों के बीच फिर से नैरेटिव बनाना शुरू किया है। वहीं इसकी काट के लिए भाजपा भी सक्रिय हो गई है। भाजपा ने देश भर में 'संविधान गौरव अभियान' चलाने का फैसला लिया है। उसने देश भर में गोष्ठियां कराने का निर्णय लिया है।
पुलवामा से पीडीपी विधायक ने एक्स पर पोस्ट में कहा, ‘हम आरक्षण नीतियों को तर्कसंगत और निष्पक्ष बनाने की मांग में युवाओं के साथ खड़े होने के रूहुल्ला के फैसले का तहे दिल से स्वागत करते हैं।’
शख्स का दावा था कि महिला ने वॉट्सऐप पर उसे जातिगत टिप्पणी करने वाला मेसेज भेजा और आरक्षण के खिलाफ भी टिप्पणी की। इस पर उच्च न्यायालय ने कहा कि दो लोगों के बीच वॉट्सऐप पर हुई बात और खासतौर पर मेसेज फॉरवर्ड करने को इस दायरे में नहीं लिया जा सकता।
राज्य सरकार का कहना है कि इसका फायदा गरीब दलित समुदायों को मिलेगा, जो अब तक लाभ से वंचित रहे हैं। इस आदेश के बारे में विस्तृत जानकारी अब हरियाणा के मुख्य सचिव की वेबसाइट पर दी गई है। इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया गया है, जिसमें बताया गया है कि कैसे आरक्षण लागू होगा और किन लोगों को कैसे मिलेगा।
मनोज जरांगे ने कहा कि जिन निर्वाचन क्षेत्रों में मराठा समुदाय की जीत की संभावना नहीं है, वहां उनका समूह पार्टी, जाति या धर्म की परवाह किए बिना उम्मीदवारों का समर्थन करेगा।
जीतनराम मांझी ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने कहा था कि 10 वर्षों में आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए, ताकि पता चले किस वर्ग को कितना लाभ पहुंचा है। इससे जो वर्ग पिछड़ा है,उसके विकास में मदद मिलेगी। हम सेक्युलर के संरक्षक जीतन मांझी ने पार्टी के सदस्यता अभियान की शुरुआत करते हुए ये बातें कही।
आगरा में आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर जबर्दस्त प्रदर्शन हुआ। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सड़कें घेर लीं और कलक्ट्रेट की ओर कूच किया।
जेडीयू के सीनियर नेता केसी त्यागी ने कहा कि सरकार का लेटरल एंट्री का फैसला सामाजिक रूप से पिछड़ों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इस तरह से सरकार विपक्ष के हाथ में हथियार पकड़ रही है। इस तरह राहुल गांधी पिछड़ों के चैंपियन बन जाएंगे।