अगले एकनाथ शिंदे हो सकते हैं भगवंत मान, पंजाब कांग्रेस के बड़े नेता का सनसनीखेज दावा
- बाजवा ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि पंजाब आप और दिल्ली आप के बीच लड़ाई है। भगवंत मान गृह मंत्रालय के संपर्क में हैं। जब महाराष्ट्र का यह विमान चंडीगढ़ में उतरेगा तो एकनाथ शिंदे बनने वाले पहले यात्री भगवंत मान होंगे।
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दिल्ली में आम आदमी पार्टी की करारी हार के बाद पंजाब के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने सनसनीखेज दावा किया है। उन्होंने कहा है कि पंजाब के सीएम भगवंत मान अगले एकनाथ शिंदे हो सकते हैं। बाजवा ने दिल्ली में आप की हार के बाद पंजाब में आम आदमी पार्टी में टूट की भविष्यवाणी कर दी है। उन्होंने दावा किया है कि 30 से ज्यादा आप के पंजाब के विधायक कांग्रेस के टच में हैं और और पाला बदलने के लिए तैयार हैं।
इंडिया टुडे से बात करते हुए प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, ''आम आदमी पार्टी के विधायक लंबे समय से मेरे टच में हैँ। जब मैं पंजाब कांग्रेस प्रमुख था तब 22 कांग्रेस नेताओं को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने टिकट नहीं दिया था, जिन्हें बाद में आप से टिकट मिल गया। उन्हें पता है कि वे वापस नहीं आ रहे।'' उन्होंने कहा कि आप की पंजाब यूनिट पहले से ही अपने दिल्ली नेतृत्व के साथ मतभेद में है। बाजवा ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि पंजाब आप और दिल्ली आप के बीच लड़ाई है। भगवंत मान गृह मंत्रालय के संपर्क में हैं। जब महाराष्ट्र का यह विमान चंडीगढ़ में उतरेगा तो एकनाथ शिंदे बनने वाले पहले यात्री भगवंत मान होंगे।
बाजवा ने पंजाब आप अध्यक्ष अमन अरोड़ा की हालिया टिप्पणियों को पार्टी के भीतर बढ़ते टकराव का सबूत बताया। अरोड़ा ने कहा कि पंजाब के लिए सिख मुख्यमंत्री होना जरूरी नहीं है। इस पर बाजवा ने कहा कि यह बयान पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा केजरीवाल को पंजाब में स्थानांतरण की तैयारी के लिए दिया गया था। बाजवा ने आरोप लगाया, "वे पहले से ही केजरीवाल को पंजाब में उतारने की कोशिश कर रहे हैं। केजरीवाल ने दिल्ली में आप के खराब प्रदर्शन को पहले ही भांप लिया था।
बता दें कि दिल्ली में 27 सालों के बाद बीजेपी की वापसी हुई है। आम आदमी पार्टी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। खुद अरविंद केजरीवाल भी नई दिल्ली सीट से चुनाव हार गए, जबकि जंगपुरा से पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को भी हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी ने 48 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि आम आदमी पार्टी के 22 उम्मीदवार जीते हैं। इस बार भी कांग्रेस को एक भी सीट दिल्ली में नहीं मिल सकी है।
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