महाकुंभ नगर में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सोमवार को प्रयागराज आएंगे। वे राज्य विशिष्ट अतिथि के रूप में पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाकर संत समाज का आशीर्वाद ग्रहण करेंगे। शिवसेना के...
तमाम तरह की अटकलों के बीच एकनाथ शिंदे ने कहा है कि मैं उस समय कहा था कि मैं और देवेंद्र फडणवीस 200 से ज्यादा सीटें लेकर आएंगे और 232 सीटें आईं। इसलिए मुझे हलके में मत लेना, यह इशारा जिसे समझना है, वह समझ ले।
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे तीन सरकारी कार्यक्रमों में नहीं पहुंचे, जिनमें सीएम देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी थी। ठाणे के बदलापुर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के अनावरण पर शिंदे मौजूद नहीं थे। यह बात हैरान करने वाली थी क्योंकि ठाणे को एकनाथ शिंदे का गृह क्षेत्र माना जाता है।
नीलेश कुमार कुलकर्णी द्वारा लिखित पुस्तक ‘संसद ते सेंट्रा विस्टा’ (संसद से सेंट्रल विस्टा तक) के विमोचन के दौरान राउत ने कहा, ‘शरद पवार हमारे विरोधी नहीं हैं। वह कभी हमारे दुश्मन नहीं रहे। वह हमारे मार्गदर्शक और हमारे नेता हैं। वह हमारे महादजी शिंदे हैं।’
मुंबई पुलिस को गुरुवार सुबह किसी अज्ञात व्यक्ति के फोन कर डिप्टी सीएम शिंदे की कार को बम से उड़ाने की धमकी दी। पीटीआई भाषा के अनुसार, एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच की जा रही है।
एकनाथ शिंदे का प्रोजेक्ट कहे जाने वाले 1400 करोड़ रुपये के उस टेंडर को बीएमसी ने खारिज कर दिया है, जिसके तहत सूखे कचरे का मैनेजमेंट किया जाना था। इस योजना के माध्यम से घर-घर से कूड़े का कलेक्शन करना और स्लम एरिया में रास्तों की सफाई, नालों की सफाई और टॉयलेट का मेंटनेंस करना शामिल था।
महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में अंसतोष की खबरों पर विराम लगाते हुए एकनाथ शिंदे ने यह जरूर कहा कि हम एमवीए या इंडिया गठबंधन जैसे नहीं हैं। फिर भी पांच अहम मुद्दे हैं, जो गठबंधन में खटपट बता रहे हैं।
सीएम देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच अनबन की स्थिति है। इस बीच एकनाथ शिंदे ने ऐसा कदम उठा लिया है, जो निश्चित तौर पर फडणवीस के लिए चुभने वाला है। उन्होंने अपने मंत्रालय में डिप्टी सीएम मेडिकल एड सेल की स्थापना की है और इसका मुखिया अपने करीबी लीडर मंगेश शिवाटे को बनाया है।
विपक्षी गठबंधनों में रहे दल गले मिल रहे हैं तो वहीं साथियों के बीच अदावत के हालात हैं। महाविकास अघाड़ी में शामिल शरद पवार ने एकनाथ शिंदे को दिल्ली में सम्मानित किया तो उद्धव ठाकरे गुट भड़क गया। सम्मान को ही कह दिया कि ये या तो खरीदे जाते हैं या फिर बेचे जाते हैं।
अंत में संजय राउत ने शरद पवार के साहित्य सम्मेलन में भूमिका पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हो रहा साहित्य सम्मेलन राजनीति से प्रेरित है, साहित्य से उसका कोई संबंध नहीं है।