केजरीवाल और सिसोदिया का हारना बड़ा झटका, योगेंद्र यादव ने AAP के भविष्य पर उठाया सवाल
स्वराज इंडिया के सह-संस्थापक और चुनाव विशेषज्ञ योगेंद्र यादव ने कहा कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का हारना आम आदमी पार्टी के भविष्य पर सवाल उठाता है। यादव ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की हार न केवल पार्टी के लिए बल्कि पूरे विपक्ष के लिए झटका है।
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दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की करारी हार पर विभिन्न दलों के नेता अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे हैं। आप के संस्थापक सदस्य रहे और वर्तमान में स्वराज इंडिया के सह-संस्थापक योगेंद्र यादव ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का हारना आम आदमी पार्टी के भविष्य पर सवाल उठाता है। यादव ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की हार न केवल पार्टी के लिए बल्कि पूरे विपक्ष के लिए झटका है।
आम आदमी पार्टी (आप) के संस्थापक सदस्यों में से एक यादव को 2015 में पार्टी से निकाल दिया गया था। यादव ने कहा कि आप की हार उन सभी लोगों के लिए भी एक झटका है जिन्होंने देश में राजनीति के वैकल्पिक स्वरूप का सपना देखा था। कहा कि यह उन सभी पार्टियों के लिए भी झटका है, जिन्होंने आप का समर्थन किया था।
यादव ने पीटीआई वीडियो से कहा कि आप कह सकती है कि वोट शेयर के मामले में वह भाजपा से सिर्फ 4-5 प्रतिशत पीछे हैं। लेकिन, सभी प्रयासों के बावजूद अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का हारना एक बड़ा झटका है। यह पार्टी के भविष्य पर सवाल उठाता है।
उन्होंने कहा कि गुजरात में वे जीतने नहीं जा रहे हैं, इसलिए सारा बोझ पंजाब पर होगा। वहां भाजपा उसके विधायकों को तोड़ने की कोशिश करेगी। आप कैसे खड़ी होगी यह एक बड़ा सवाल है। यह उन लोगों के लिए भी झटका है जो आज आप के साथ नहीं हैं, लेकिन जिन्होंने वैकल्पिक राजनीति का सपना देखा था।
यादव ने कहा कि आप ने सत्ता में आने के बाद वैकल्पिक राजनीति छोड़ दी और कल्याणकारी योजनाओं तक ही सीमित हो गई। उन्होंने कहा कि यह पूरे विपक्ष के लिए एक चुनौती है क्योंकि भाजपा देश में पूर्ण प्रभुत्व चाहती है। इस जीत के साथ भाजपा पूर्ण प्रभुत्व की योजना पर आगे बढ़ गई है और इसका विरोध करने वालों के लिए चुनौतियां भी बढ़ गई हैं।
यह पूछे जाने पर कि आप से वोटों के खिसकने का क्या कारण हो सकता है। यादव ने कहा कि पहले कई मोदी समर्थक, जिन्होंने लोकसभा में भाजपा को वोट दिया था, विधानसभा चुनावों में आप का समर्थन करते थे। लेकिन इस बार उनमें से कुछ विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के साथ रहे। उन्होंने कहा कि कई मोदी समर्थक केजरीवाल को वोट दे रहे थे, लेकिन इस बार उन्होंने उन्हें वोट नहीं दिया। शराब घोटाले और 'शीश महल' विवाद के कारण आप की ईमानदार छवि को नुकसान पहुंचा।
यादव ने दिल्ली के उपराज्यपाल और आप सरकार के बीच लगातार चल रहे झगड़ों को भी पार्टी की चुनाव में विफलता का कारण बताया। यादव ने कहा कि कलह के वजह से बुनियादी काम उपेक्षित थे। उपराज्यपाल और सरकार के बीच हर रोज होने वाले झगड़े ने शायद मोदी समर्थकों को महसूस कराया कि उन्हें इस बार भाजपा का समर्थन करना चाहिए।
यादव ने कहा कि कांग्रेस-आप गठबंधन टिक नहीं सकता था, जो लोकसभा चुनाव के दौरान भी स्पष्ट था। बीजेपी विरोधी गठबंधन में आप असहज थी। एसपी, टीएमसी जैसी अन्य पार्टियों ने आप का समर्थन किया। वे इंडिया ब्लॉक के लिए महत्वपूर्ण हैं। आप के लिए उनका समर्थन एक गंभीर तनाव का संकेत देता है। यह विपक्ष के लिए खतरे का संकेत है।