एनजीटी को पेश रिपोर्ट में निगम ने दिखाई सफाई, स्थल पर आज भी गंदगी के ढेर
- एनजीटी की फटकार के बाद नगर निगम ने डलावघर कर दिया था बंद

नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में दावा किया कि उन्होंने रघुबीर नगर के बी-ब्लाक स्थित अखिल भारतीय नेत्रहीन संघ के स्कूल के पास मौजूद डलावघर को औपचारिक रूप से बंद कर दिया। साथ ही आसपास के इलाके में साफ-सफाई कर दी है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। स्कूल के नजदीक अब भी गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। जिसकी दुर्गंध से नेत्रहीन छात्रों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
एनजीटी को पेश की गई रिपोर्ट में निगम ने बताया कि डलावघर डी-पांच को औपचारिक रूप से बंद कर दिया। साथ ही बताया कि डलावघर को बंद करने के बाद स्कूल से करीब 200 मीटर की दूरी पर फिक्स्ड काम्पैक्टर ट्रांसफर स्टेशन (एफसीटीएस) चालू करा दिया है। जिसकी मदद से कचरा निस्तारण आसान हो जाएगा। लेकिन मंगलवार को हिंदुस्तान ने मौके पर जाकर देखा तो जमीनी हालात में बहुत अंतर नहीं आया है। स्कूल प्रशासन का कहना है कि गंदगी से उठती दुर्गंध भोजन कक्ष तक पहुंच रही है। जिसके कारण छात्रों में सांस संबंधी और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं।
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निगम को दिया था 20 लाख रुपये मुआवजे का आदेश
पिछले वर्ष नवंबर माह में एनजीटी ने निगम को आदेश दिया था कि वह पर्यावरणीय खतरे के मद्देनजर नेत्रहीन संघ को 20 लाख रुपये का मुआवजा दे। यह राशि छात्रों के स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने में खर्च की जानी है। हालांकि, एनजीटी में पेश रिपोर्ट में मुआवजे से संबंधित कोई जिक्र नहीं किया गया है।
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प्रतिवर्ष सौ से अधिक नेत्रहीन छात्रों को देता है शिक्षा
गौरतलब है कि 1971 से संचालित यह संस्थान प्रतिवर्ष सौ से अधिक नेत्रहीन छात्रों को शिक्षा और आवास की सुविधा प्रदान करता है। स्कूल प्रशासन के अधिकारी ने कहा कि दुर्भाग्य यह है कि जो बच्चे देखने की क्षमता से वंचित हैं, उन्हें साफ-सुथरे वातावारण का हक भी नहीं मिल पा रहा है।
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निगम का पक्ष
इस संबंध में पश्चिमी जोन के निगम अधिकारी ने बताया कि डलावघर बंद करने के बाद वहां दीवार पर कूड़ा डालने पर कार्रवाई की बात लिखी गई है। लेकिन उसके बावजूद वहां के स्थानीय निवासी रात के अंधेरे में कूड़ा डाल जाते हैं। निगम की ओर से प्रतिदिन सफाई कराई जाती है, ताकि स्कूल के बच्चों व लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो सके।
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