ऑपरेशन सिंदूर को एक महीना पूरा; जम्मू-कश्मीर में अब कैसे हालात, स्थानीय लोगों ने खुद बताया
ऑपरेशन सिंदूर भारत की ओर से 6-7 मई को पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों के खिलाफ चलाया गया सैन्य अभियान था। यह 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए।

'ऑपरेशन सिंदूर' के एक महीने बाद जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने लगे हैं। सांबा जिले के निवासियों ने भारतीय सेना पर पूरा भरोसा जताया और कहा कि अब शांति है। लोग अपने काम पर लौट आए हैं। सीमा से 2 किलोमीटर दूर रहने वाले एक निवासी ने बताया कि पहले ड्रोन हमलों और गोलीबारी के कारण भारी नुकसान हुआ था, लेकिन अब स्थिति शांत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई सीमा बटालियनों की घोषणा की है, जिससे लोगों को राहत मिलेगी। निवासियों ने मांग रखी कि भविष्य में बंकरों की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाए।

स्थानीय लोगों ने भारतीय सेना और बीएसएफ की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि सभी ड्रोन हवा में ही नष्ट कर दिए गए, जिसके बाद लोग खेतों में काम करने लगे हैं और डर का माहौल खत्म हो गया है। सीमा से 3 किलोमीटर दूर रहने वाले एक अन्य निवासी ने कहा कि अब विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं। लोग बिना भय के अपने दैनिक काम कर रहे हैं। एक अन्य व्यक्ति ने आतंकवादियों के लॉन्च पैड को पूरी तरह नष्ट करने की जरूरत पर जोर दिया।
क्षतिग्रस्त घरों के लिए 2 लाख रुपये का मुआवजा
पीएम मोदी ने रियासी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि 6 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। हमने आतंकवादियों को सैकड़ों किलोमीटर अंदर तक सबक सिखाया। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत की ताकत और सेना के 'मेक इन इंडिया' पर भरोसे की सराहना की। पीएम ने सीमा पर गोलीबारी से प्रभावित परिवारों के लिए वित्तीय सहायता की भी घोषणा की, जिसमें पूरी तरह क्षतिग्रस्त घरों के लिए 2 लाख रुपये और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए 1 लाख रुपये का मुआवजा शामिल है।