राज्य सरकार की डीजीपी नियुक्ति नियमावली को बताया गलत
गृह मंत्रालय : पत्र में बताया गया है कि झारखंड सरकार द्वारा 8 जनवरी 2025 को पुलिस महानिदेशक (पुलिस बल प्रमुख) के चयन व नियुक्ति के लिए नए नियम अधिसूचि

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र में राज्य में सरकार के द्वारा बनायी गई नियुक्ति नियमावली को गलत व सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के विपरीत बताया है। 22 अप्रैल को ही ये पत्र मुख्य सचिव को भेजा गया है। पत्र में बताया गया है कि झारखंड सरकार द्वारा 8 जनवरी 2025 को पुलिस महानिदेशक (पुलिस बल प्रमुख) के चयन व नियुक्ति के लिए नए नियम अधिसूचित किए गए हैं और उक्त नियमों के अंतर्गत अनुराग गुप्ता को 2 फरवरी की अधिसूचना के माध्यम से दो वर्ष की अवधि के लिए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) झारखंड के पद पर नियुक्त किया गया है। क्या लिखा है मंत्रालय ने
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अवर सचिव संजीव कुमार के द्वारा भारत सरकार की तरफ से भेजे पत्र में बताया गया है कि परीक्षण के पश्चात यह पाया गया है कि अधिसूचित नियम एवं उसके अंतर्गत की गई नियुक्ति प्रचलित नियमों/ दिशा-निर्देशों के अनुरूप नहीं है। यह यह सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रकाश सिंह वाद में दिए गए निर्देशों के भी विरुद्ध है। मंत्रालय ने लिखा है कि सर्वोच्च न्यायालय ने 3 जुलाई 2018 के निर्णय में यह स्पष्ट रूप से निर्देशित किया है कि केंद्र या राज्य सरकारों द्वारा बनाए गए ऐसे किसी भी कानून/नियम जो इन निर्देशों के विपरीत हों, उन्हें उक्त सीमा तक निलंबित माना जाएगा।
अखिल भारतीय सेवा नियमावली के भी खिलाफ, 30 अप्रैल के बाद पद पर रहना अवैध
मंत्रालय ने लिखा है कि अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु सह सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958 के नियम 16(1) के अनुसार, किसी आईपीएस अधिकारी की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष निर्धारित है। सेवानिवृत्ति के बाद सेवा विस्तार केवल भारत सरकार द्वारा अनुमोदित किया जाता है अथवा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रकाश सिंह मामले में निर्धारित प्रक्रिया के तहत नियुक्त पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को सेवानिवृत्ति की आयु की परवाह किए बिना दो वर्ष का कार्यकाल दिया जा सकता है। लेकिन वर्तमान मामले में अनुराग गुप्ता 30 अप्रैल 2025 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उन्हें भारत सरकार (गृह मंत्रालय) द्वारा सेवा विस्तार प्रदान नहीं किया गया है। पत्र में आगे लिखा है कि आईपीएस अनुराग गुप्ता 30 अप्रैल के पश्चात झारखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के रूप में सेवा में निरंतरता, अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु सह सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958 के नियम 16(1) का उल्लंघन है और वैध नहीं मानी जा सकती। पत्र के जरिए निर्देशित किया गया है कि अनुराग गुप्ता को 30 अप्रैल को पुलिस महानिदेशक झारखंड के पद से सेवानिवृत्त किया जाए।
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