चौकीदार नियुक्ति की लिखित परीक्षा व जारी परीक्षा परिणाम सवालों के घेरे में
जामताड़ा। प्रतिनिधि बीते 27 अप्रैल को 15 परीक्षा केंद्रों में संपन्न चौकीदार नियुक्ति की लिखित परीक्षा व जारी परीक्षा परिणाम सवालों के घेरे में आ गई ह

चौकीदार नियुक्ति की लिखित परीक्षा व जारी परीक्षा परिणाम सवालों के घेरे में जामताड़ा। प्रतिनिधि बीते 27 अप्रैल को 15 परीक्षा केंद्रों में संपन्न चौकीदार नियुक्ति की लिखित परीक्षा व जारी परीक्षा परिणाम सवालों के घेरे में आ गई है। जहां भाजपा के विधायक दल के नेता सह प्रतिपक्ष नेता बाबूलाल मरांडी ने टवीट कर परीक्षा घोटाला करार दिया है। उन्होने परीक्षा के महज कुछ ही घंटे बाद परीक्षा परिणाम जारी होने की प्रक्रिया पर सवालिया निशान खड़ा किया है। कहा कि उत्तर पुस्तिकाओं की जांच,ओएमआर शीट के सत्यापन और मूल्यांकन में कई दिन लगते है। लेकिन इस बार कुछ घंटो में ही परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया।
इधर बुधवार को भाजपा नेता वीरेन्द्र मंडल व उनके साथ कुछेक परिक्षार्थी भी चौकीदार नियुक्ति परीक्षा की पूरी प्रक्रिया एवं जारी परिणाम की विसंगतियों के सिलसिले में समाहरणालय में डीसी कुमुद सहाय से मिलने पहुंचे थे। लेकिन समाहरणालय स्थित कार्यालय में डीसी के मौजूद नहीं रहने से परीक्षा की प्रक्रिया में हुए अनियमितता और जारी परीक्षा परिणाम से संबंधित विसंगतियों पर बातचीत नहीं हो सकी। दो अधिकारियों ने विशेषज्ञ से प्रश्न-प्रत्र तैयार कराने का उठाया था मुद्दा: भाजपा नेता वीरेन्द्र मंडल ने कहा कि दो अधिकारियों ने विशेषज्ञ से प्रश्न-प्रत्र तैयार कराने का सलाह दिया था। लेकिन उनकी सलाह को दरकिनार कर दिया गया। कहा कि जामताड़ा जिला प्रशासन के अधिकृत वेबसाइट पर दो बार परीक्षा परिणाम जारी किया। जिसमें पहली बार जारी परिणाम व दूसरे बार के परीक्षा परिणाम में कुछेक परीक्षार्थियों के 10-12 अंक का अंतर है। इस प्रकार कई गंभीर विषय है। इन सभी बिंदुओं पर निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है। कहा कि जामताड़ा के मेघावी छात्र-छात्राओं के अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। अगर जरूरत पड़ेगी,तो सक्षम प्राधिकार के समक्ष शिकायत किया जाएगा। लोकतांत्रित तरीके से आंदोलन चलाया जाएगा। इसके अलावे न्यायालय के शरण में भी जाना पड़ा,तो जाउंगा। मूल्यांकन करने वाले भी प्रश्न संख्या-13 को लेकर असमंजस में है: उन्होने कहा कि चौकीदार नियुक्ति परीक्षा में प्रश्न संख्या- 13 में यह सवाल पूछा गया था कि संथाली भाषा को किस वर्ष आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया। इससे संबंधित जारी ऑन्सर की में पहली बार जवाब का विकल्प सी दर्शाया गया था। जबकि दूसरी बार जारी ऑन्सर की में विकल्प डी दर्शाया गया है। इस प्रकार में मूल्यांकन करने वाले भी असमंजस में है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया की किसी भी उत्तर पुस्तिका (ओएमआर शीट)पर केंद्राधीक्षक का सील और हस्ताक्षर नहीं था, केवल वीक्षक का हस्ताक्षर किया हुआ था। कहा कि ओएमआर शीट परीक्षार्थियों को तत्काल दे देनी चाहिए थी। अगर प्रशासन को इस बात की आशंका थी कि परीक्षार्थी घर ले जाकर उसमें कुछ और छेड़छाड़ कर लेंगे तो उसकी जांच करने के लिए प्रशासन के पास ओरिजिनल ओएमआर शीट उपलब्ध था। फोटो जामताड़ा 06: समाहरणालय के समक्ष परीक्षार्थियों के साथ भाजपा नेता वीरेंद्र मंडल
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