विश्वस्तरीय ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर टेस्ट लिए बगैर बन रहे डीएल
Rampur News - रामपुर में स्वचालित ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक के निर्माण के बावजूद, बिना टेस्ट के ही ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनाए जा रहे हैं। 24 अप्रैल को टेस्ट के आदेश जारी होने के बावजूद अब तक कोई टेस्ट नहीं हुआ...

ड्राइविंग टेस्ट के लिए स्वचालित ड्राइविंग ट्रैक बनने के बाद भी बिना टेस्ट के ही डीएल बनाए जा रहे है। सात दिन पहले अनुमति मिलने के बाद भी विश्वस्तरीय ट्रैक पर एक भी व्यक्ति का टेस्ट नहीं हुआ है। जबकि, रामपुर संभगाीय परिवहन विभाग से प्रतिदिन बनने वाले डीएल की संख्या औसतन पच्चीस से तीस है। संभागीय परिवहन विभाग कार्यालय परिसर में लाइसेंस बनवाने वाले चालकों का अभी मैनुअल ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर टेस्ट होता है। वहीं, कई अप्रशिक्षित लोगों के भी लाइसेंस बन जाते हैं। ये कई बार दुर्घटना का कारण बनते हैं। इस खामी को दूर करने के लिए कुछ माह पहले परिवहन मुख्यालय ने जिले में स्वचालित ड्राइविंग टेस्टिंग सेंटर बनवाने का निर्देश दिया था।
ट्रैक बनाने से लेकर उसके संचालन की जिम्मेदारी निजी कंपनी को सौंपी गई। निजी कंपनी द्वारा शहजादनगर में वैश्विक स्तरीय ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक को तैयार किया गया। जिसके बाद 24 अप्रैल को परिवहन आयुक्त ने इस एडीटीटी यानी आटोमैटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर टेस्ट लेने के बाद ही डीएल बनाने की अनुमति प्रदान करने के आदेश दिए थे। लेकिन, परिवहन आयुक्त के आदेशों को ठेंगा दिखाया जा रहा है। जनपद में 24 अप्रैल से 30 अप्रैल हो गई। एक भी डीएल के लिए इस एडीटीटी पर जिम्मेदार अधिकारियों ने टेस्ट कराना मुनासिब नहीं समझा। एडवांस टेक्नोलॉजी से बना है ट्रैक रामपुर। ट्रैक को बनाने के लिए कई एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। इसमें एक्सेस कंट्रोल, एंट्री कंट्रोल, पूरी तरह से स्वचालित ट्रैक, वीडियो टेक्नोलॉजी, एग्जिट कॉरिडोर सहित कई एडवांस तकनीकि के उपकरण शामिल है। ट्रैक को कैमरे और सेंसर पूरी तरह से संचालित करेंगे। इसमें चालक की जरा सी भी गलती होने पर सेंसर और कैमरे पकड़ लेंगे। दस मिनट में पूरा होगा टेस्ट रामपुर। स्वचालित ट्रैक पर आवेदकों को दस मिनट का समय दिया जाएगा। ट्रैक दो हिस्सों में बंटा होगा। एक छोटा हिस्सा दोपहिया और दूसरा बड़ा हिस्सा चार पहिया वाहन चालकों के लिए होगा। टेस्टिंग के दौरान ट्रैफिक सिग्नल, मोड़, वाहन पीछे करना सहित अन्य यातायात से जुड़ी जरूरी तकनीकि शामिल होंगी। इसमें पांच फीट की चढ़ाई को पहली बार शामिल किया गया। वाहन चढ़ाते समय यातायात नियमों का पालन और चालक की परखता स्वचालित सेंसर व कैमरे करेंगे। इसकी खासियत यह भी होगी कि आवेदक का टेस्ट पूरा होते ही तुरंत रिजल्ट मिल जाएगा। -स्वचालित ड्राइविंग ट्रैक को लेकर बैठक होनी है, जिसके बाद हमारे लिए दिशा-निर्देश आएंगे। यह बैठक बुधवार को होनी थी जो कतिपय कारणों से टल गई। बैठक के बाद हमारे लिए जैसा आदेश होगा, वैसी कार्रवाई करते हुए केबल ड्राइविंग ट्रैक पर टेस्ट में पास होने के बाद ही डीएल बनाने का कार्य शुरू होगा। - राजेश कुमार श्रीवास्तव, एआरटीओ ----------- परिवहन आयुक्त की ओर से 24 अप्रैल को आदेश जारी किया जा चुका है कि एडीटीटी पर टेस्ट पास करने के बाद ही डीएल बनाए जाएं। जिसकी प्रतिलिपि आरटीओ और एआरटीओ दोनों को जारी की जा चुकी है। हमने व्यक्तिगत तौर पर भी लेटर भेज दिया है। बावजूद इसके अभी तक आटोमैटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर एक भी टेस्ट नहीं हुआ है। जबकि, डीएल रोजाना बनाए जा रहे हैं। -शलभ गुप्ता, स्वामी परफेक्ट टेस्ट हाउस
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