18 साल से भारत में थे रियाज खान, अब पत्नी और 3 बच्चों को छोड़कर वापस जाना पड़ा पाकिस्तान
आपको बता दें कि जैसे ही पुलिस बस JCP के गेट के बाहर रुकी राजौरी की सारा खान अपने नवजात को गोद में लिए बाहर निकलीं और मीडिया से अपनी व्यथा साझा की।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बुधवार को कई पाकिस्तानी नागरिकों को भारत से निष्कासित कर वाघा-अटारी संयुक्त चेकपोस्ट के ज़रिए पाकिस्तान भेज दिया। यह कार्रवाई केंद्र सरकार के उस आदेश के तहत हुई, जिसमें 1 मई से पहले सभी पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के निर्देश दिए गए थे। भारत सरकार ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद यह फैसला किया था।
आपको बता दें कि जैसे ही पुलिस बस JCP के गेट के बाहर रुकी राजौरी की सारा खान अपने नवजात को गोद में लिए बाहर निकलीं और मीडिया से अपनी व्यथा साझा की। उसने बताया कि उसने 14 दिन पहले सिजेरियन ऑपरेशन के ज़रिए एक बेटे को जन्म दिया था और डॉक्टरों ने उसे यात्रा न करने की सलाह दी थी। लेकिन उसे उसके गृहनगर से सैकड़ों किलोमीटर दूर लाया गया।
सारा पहले से ही छह वर्षीय लड़के उमर हयात खान की मां हैं। उसे दो साल का दीर्घकालिक वीजा जारी किया गया था, जिसकी अवधि जुलाई 2026 में समाप्त हो रही है। सारा के पति औरंगजेब खान ने कहा कि उन्होंने 2017 में अपनी चचेरी बहन सारा से शादी की थी। उनका जन्म और पालन-पोषण मीरपुर में हुआ, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आता है। उनके माता-पिता 1965 में भारत से यहां आकर बस गए थे।
कुपवाड़ा के रियाज खान ने कहा कि उनके पिता भारतीय सेना में थे और उन्होंने जिला विकास परिषद, कुपवाड़ा का चुनाव लड़ा था। इसके बावजूद उन्हें निर्वासित किया जा रहा था। कुपवाड़ा के एक सीमावर्ती गांव के निवासी। वे 12 साल की उम्र में अनजाने में पाकिस्तान चले गए थे। 2007 में जब वे 24 साल के थे तो वे अटारी भूमि मार्ग से भारत लौट आए। 18 साल बाद उन्हें अपनी पत्नी और तीन बच्चों को छोड़कर पाकिस्तान निर्वासित किया जा रहा था। पुलिस बस की जालीदार खिड़की के पीछे से उसने अपनी राष्ट्रीयता साबित करने के लिए अपना आधार कार्ड दिखाया।
भारतीय नागरिक होने का दावा करने वाली राधा ने कहा कि उसे कठुआ जिले में उसके घर से आधी रात को उठाया गया था। अपनी नागरिकता साबित करने के लिए उसके पास सभी दस्तावेज होने का दावा करते हुए उसने कहा कि उसके बावजूद उसे पाकिस्तान भेजा जा रहा है।
60 साल की राधा ने कहा कि पाकिस्तान में उसका कोई रिश्तेदार नहीं है और उसके सभी बेटे और बेटियां जम्मू क्षेत्र में रहते हैं। उन्होंने कहा कि वह पाकिस्तान में पैदा हुई थी जहां उनके माता-पिता रहा करते थे। वे विभाजन के काफी समय बाद भारत आ गए। उनके साथ वह भी यहां आई। उन्हें अब याद नहीं है कि उनके माता-पिता पाकिस्तान में कहां रहा करते थे।
आपको बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने पाकिस्तान पर सख्त रुख अपनाया है। सिंधु जल संधि को निलंबित करने के अलावा पाकिस्तानी नागरिकों को निष्कासित करने और अटारी-वाघा सीमा बंद करने जैसे कदम उठाए गए हैं।