सुपौल : छातापुर बाजार बंद कर जताया आक्रोश
पहलाम में निहत्थे पर्यटकों की आतंवादियों द्वारा निर्मम हत्या के विरोध में व्यवसायियों ने अपनी दुकानें बंद रखकर विरोध जताया। श्रद्धांजलि सभा में व्यवसायियों ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी और आतंकवाद के...

छातापुर, एक प्रतिनिधि। पहलगाम में निहत्थे पर्यटकों की आतंवादियों द्वारा की गई निर्मम हत्या के विरोध में मंगलवार को व्यवसायियों ने अपनी-अपनी दुकानें बंद रखकर विरोध जताया। पूर्व निधारित कार्यक्रम के तहत सुबह से ही सभी व्यवसाईयों ने अपने व्यापारिक प्रतिष्ठानों को दोपहर तक बंद रखा। इसके कारण बाजार में सन्नाटा पसरा रहा। बजरंग चौक से लेकर डहरिया पुल के बीच हाई स्कूल चौक, ब्लाक चौक, बस स्टैंड, कचहरी चौक, मुख्य बाजार और दुर्गा मंदिर चौक तक सभी दुकानें बंद रही। इस बीच सार्वजनिक धर्मशाला में व्यवसाई संघ के प्रखंड अध्यक्ष केशव कुमार गुड्ड की अध्यक्षता में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। इसमें व्यवसायिययों ने आतंकी हमले में जान गंवाने वाले सैलानियों को श्रद्धांजलि दी और मृतकों के आत्मा की शांति के लिए एक मिनट का मौन रखा। कार्यक्रम में नारायण चौधरी, प्रकाश चंद जैन, नरेश पूर्वे, विजय भगत, राम नारायण दास, शिवकुमार भगत, विनोद भगत, हीरालाल साह, राजकुमार भगत राजु, रविनंदन साह, पंकज भगत, मधु साह, सतीश गुप्ता, मानिकचंद दास, शशांक छोटू, पुनीत बोथरा, राजेश जैन, राजु ठाकुर, जगदीश भगत, गुड्डू भगत, रामटहल भगत, पवन भगत, गुंजन भगत, प्रिंस राय, जेपी भगत, चंदन साह, सुशील ठाकुर, धनपत सिंह, ताराचंद वाफना, राजेंद्र साह, मो. जुल्फिकार अलि, प्रमोद भगत, रंजन भगत आदि थे। घटना से हिन्दूओं को सीख लेने की जरूरत: श्रद्धांजलि सभा में संघ के निवर्तमान अध्यक्ष शालीग्राम पांडेय ने कहा कि आतंकियों ने धर्म पूछने के बाद पर्यटकों को कलमा पढने के लिए कहा। फिर संदेह होने पर गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। ऐसी घटना आजाद भारत में पहली बार हुई और यह इतिहास के लिए काला अध्याय है। कहा कि सिंधु जल समझौता को रद्द करना सरकार का सही और ऐतिहासिक निर्णय है। प्रखंड अध्यक्ष केशव कुमार गुड्ड ने कहा कि संख्या में बल होता है। संघ के निर्णय का पालन करेंगे तो इससे सबका भला होगा। उपेंद्र भगत ने कहा आतंकवाद को ईंट का जबाव पत्थर से देना होगा। ललन यादव ने कहा कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो सरकार से यह मांग करते हैं। अशोक भगत ने कहा कि धर्म पूछकर हत्या करना जुल्म की पराकाष्ठा है। सुशील कर्ण ने कहा कि धर्म पूछकर हत्या आज से पहले कभी नहीं हुई। शंकर साह और सुरज चंद्र प्रकाश ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ अब युद्ध तो होना ही है। इसके लिए जन और धन की आवश्यकता हुई तो हमसब तैयार हैं। मौके पर शशिभूषण पप्पू, गुणानंद यादव, हीरालाल वाफना, रामलखन पासवान आदि मौजूद थे।
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