हीटवेव से निपटने को स्वास्थ विभाग ने की तैयारी
Deoria News - देवरिया में स्वास्थ्य विभाग ने गर्मी के बढ़ते प्रकोप के लिए तैयारियां की हैं। सीएचसी और पीएचसी में हीटवेव स्पेशल वार्ड आरक्षित किए गए हैं, जहां बेड, पंखा और कूलर की व्यवस्था की गई है। शासन ने गर्मी को...

देवरिया, निज संवाददाता। गर्मी के बढ़ते प्रकोप को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां कर ली है। इसके लिए मेडिकल कॉलेज सहित सीएचसी व पीएचसी में वार्ड आरक्षित किए गए हैं। वार्ड में बेड के अलावा पंखा, कूलर और ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है। शासन द्वारा इस साल जून माह तक तेज गर्मी और लू चलने का अलर्ट जारी किया गया। इससे निपटने को सीएचसी, पीएचसी पर हीटवेव स्पेशल वार्ड आरक्षित किए गए हैं। गर्मी का प्रकोप इस बार ज्यादा रहेगा। इसके मद्देनजर जिले की सभी सीएचसी व पीएचसी पर व्यवस्थाएं की गई हैं। वहां पर पंखा, कूलर, ठंडा पानी, आइस पैक की व्यवस्था की गई हैं। शासन ने इस बार गर्मी व लू के प्रकोप को राज्य आपदा घोषित किया है। प्रभारी चिकित्साधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए है। नोडल अधिकारी डा. हरेंद्र कुमार ने बताया कि सीएचसी पर 4 बेड व पीएचसी पर 2 बेड हीटवेव की चपेट में आने वाले मरीजों के लिए आरक्षित किया गया हैं। मरीज के अस्पताल आने पर तुरंत इलाज शुरू किया जाएगा।
हीट स्ट्रोक, लू लगने के यह है लक्षण
देवरहवा बाबा मेडिकल कॉलेज के एमडी मेडिसिन डॉ. विजय गुप्ता ने बताया कि तेज बुखार जिसमें तापमान 104 डिग्री फारेनहाईट या इससे ज्यादा होने पर बेहोशी आ जाती है तथा मरीज कोमा में भी जा सकता है। इसके चक्कर आना, सिर में दर्द, उलटी आना, कमजोरी, थकान, कन्फ्यूजन होना, गाढ़े रंग का पेशाब होना, मांसपेशियों और पेडू में अकड़न लक्षण हैं। हीट स्ट्रोक के लक्षण दिखने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जायं। हीट स्ट्रोक, हीट रैश और हीट क्रैम्प के लक्षणों का पता होने पर समय से प्रबंधन किया जा सकता है।
लू, गर्मी से इस तरह करें बचाव
घर से बगैर नाश्ता किये न निकलें, सिर को गीले कपड़े से ढंके, छाता और धूप का चश्मा लगायें और पानी की बोतल अवश्य रखें | सूती, हलके रंग के और पूरी बांह के कपड़े पहने। खूब पानी पीयें, ठंडे पानी से नहायें, ताजा खाना खाएं। दोपहर में 12 से तीन के बीच निकलने से बचें। थोड़ी-थोड़ी देर में नीबू पानी, तरबूज, खरबूजा, खीर, ककड़ी, ओआरएस, छांछ, मट्ठा, आम पना, लस्सी आदि का सेवन करें। पाचन हीट वेव यानी लू से बच्चों, बीमार, बुजुर्गों, गर्भवती, मजदूरों और फील्ड में काम करने वालों को ज्यादा खतरा रहता है।
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