किसी भी गांव से 30 किलोमीटर पर NH, बिहार में कहीं से भी साढ़े तीन घंटे में पटना पहुंचेंगे; सरकार ने बनाया प्लान
- विभाग ने तय किया है कि लोगों को उनके घरों के निकट नेशनल हाईवे या एक्सप्रेस-वे की सुविधा दी जाए। इसके तहत बिहार के लोगों को उनके घरों से अधिकतम 30 किलोमीटर की दूरी पर नेशनल हाईवे या एक्सप्रेस-वे की सुविधा दी जाएगी।
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बिहार के किसी भी गांव से चलने पर लोगों को अधिकतम 30 किलोमीटर की दूरी पर नेशनल हाईवे (राष्ट्रीय राजमार्ग) या एक्सप्रेस-वे मिल जाएगा। पथ निर्माण विभाग ने इस दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी है। राज्य में बन रही सड़कों के अलावा प्रस्तावित परियोजनाओं से यह संभव हो सकेगा। अधिकतम तीन सालों के भीतर लोगों को यह सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने तय किया था कि राज्य के किसी भी जगह से राजधानी छह घंटे में पटना पहुंचा जा सके। राज्य में शहर से लेकर गांवों में सड़कों के निर्माण के कारण इस लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया। अब सरकार पांच घंटे में किसी भी कोने से पटना पहुंचने की योजना पर काम कर रही है। इस लक्ष्य को भी इस साल के अंत तक प्राप्त कर लिया जाएगा।
बीते दिनों उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने घोषणा की कि वर्ष 2027 तक राज्य के किसी भी स्थान से साढ़े तीन घंटे में पटना आया जा सकेगा। उपमुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद अब विभाग उन योजनाओं पर अमल करने में जुट गया है। विभाग ने तय किया है कि लोगों को उनके घरों के निकट नेशनल हाईवे या एक्सप्रेस-वे की सुविधा दी जाए। इसके तहत बिहार के लोगों को उनके घरों से अधिकतम 30 किलोमीटर की दूरी पर नेशनल हाईवे या एक्सप्रेस-वे की सुविधा दी जाएगी। चूंकि राष्ट्रीय औसत की तुलना में बिहार में नेशनल हाईवे की लंबाई कम है।
राष्ट्रीय औसत को पाने के लिए बिहार में एनएच की कुल लंबाई 13 हजार किलोमीटर का होना जरूरी है। अभी बिहार में एनएच की लंबाई 6131 किलोमीटर ही है। राष्ट्रीय औसत को पाने के लिए विभाग ने तय किया है कि राज्य के स्टेट हाईवे और एमडीआर (वृहद जिला सड़कें) को भी एनएच के रूप में विकसित किया जाए। विभाग ने 2511 किलोमीटर स्टेट हाईवे और 4329 किलोमीटर एमडीआर को एनएच के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए राज्य में उन एसएस और एमडीआर की पहचान की जा रही है जिसे एनएच के रूप में विकसित किया जा सकता है।
इसके अलावा राज्य में लगभग 186 किलोमीटर सिंगल लेन वाले एनएच को भी कम से कम दो लेन ॅ(10 मीटर) करने का निर्णय लिया गया है ताकि लोगों को सफर के दौरान जाम की समस्या का सामना नहीं करना पड़े। पहले से जिन परियोजनाओं की सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है, उसके अलावा विभाग ने पशुपतिनाथ-बैद्यनाथधाम व नारायणी गंगा कॉरिडोर निर्माण का अनुरोध किया गया है। फारबिसगंज-कहलगांव-बाराहाट कॉरिडोर के अलावा नवादा-वारसलीगंज-मोकामा-बरौनी-झंझारपुर-लदनियां कॉरिडोर के भी निर्माण का अनुरोध किया गया है।
नदियों पर पुल भी बनेंगे
सड़कों के अलावा नदियों पर पुल भी बनाए जाएंगे। मसलन गंगा नदी पर अभी सात पुल बने हुए हैं। नौ और नए पुलों पर काम चल रहा है। सोन नदी पर पांच पुल बने हुए हैं। दो और पुल निर्माण की प्रक्रिया में है। गंडक नदी पर सात पुल बने हुए हैं। चार और पुल बनाए जाएंगे। जबकि कोसी नदी पर पांच पुल बने हुए हैं और तीन निर्माणाधीन है।