बिहार में 54 फीसदी लड़कियां बैड टच की शिकार, पटना समेत इन 10 जिलों में किशोरियां सबसे ज्यादा परेशान; पहली बार सर्वे
- कुल 27 हजार किशोरियों में सात हजार किशोरी केवल राजधानी पटना से है। वहीं भागलपुर, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, गया,गोपालगंज और नालंदा जिलों से दो से चार हजार किशोरियों ने स्कूल बस, वैन, ऑटो और ट्यूशन में गलत स्पर्श की बातें साझा की हैं।
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स्कूल बस, ऑटो में सफर के अलावा ट्यूशन के दौरान किशोरियां असहज महसूस करती हैं। कई बार उनके साथ बुरा स्पर्श (बैड टच) भी होता है, लेकिन डर से जानकारी किसी को नहीं देती हैं। बिहार की 54 फीसदी किशोरियों के साथ स्कूल बस, ऑटो और ट्यूशन के दौरान ऐसे मामले कई बार हो चुके हैं। यह जानकारी किशोरियों ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से किये गये ऑनलाइन सर्वे में साझा की हैं। सर्वे एक से 20 दिसंबर तक किया गया। इसमें 11 से 20 साल तक के लड़के और लड़कियों को शामिल किया गया था। इसमें बिहार से कुल एक लाख 50 हजार 543 किशोर और किशोरियां शामिल हुईं। किशोरियों की संख्या 50,789 थीं, जिनमें से 27 हजार ने स्वीकार किया है कि उनके साथ स्कूल बस या ऑटो में सफर करने या फिर ट्यूशन के दौरान गलत स्पर्श की घटना हुई है।
किशोर-किशोरियों पर अच्छा-बुरा स्पर्श का सर्वे
पहली बार राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने किशोर और किशोरियों पर अच्छा और बुरा स्पर्श का सर्वे किया है। आयोग की वेबसाइट पर छह बिन्दु उनकी तस्वीर के साथ डाले गये। सभी पर किशोर और किशोरियों से जानकारी मांगी गयी थी। इसमें किशोरियों ने बातें साझा कीं। इसमें उन्होंने कहा कि स्कूल बस, ऑटो आज भी सुरक्षित नहीं है। यह स्थिति राजधानी समेत कमोबेश सभी जिला मुख्यालयों की है।
राज्य में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य राकेश कुमार ने कहा, ‘ किशोरियों को बुरे स्पर्श से बचाने के लिए सभी निजी स्कूलों को पत्र लिखा जा रहा है। स्कूल बस, ऑटो या वैन में बच्चे सुरक्षित रहें, इसकी जिम्मेवारी स्कूल प्रशासन की है। जानकारी पर स्कूल को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।’
पटना के साथ दस जिलों की सबसे ज्यादा किशोरियां परेशान
कुल 27 हजार किशोरियों में सात हजार किशोरी केवल राजधानी पटना से है। वहीं भागलपुर, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, गया,गोपालगंज और नालंदा जिलों से दो से चार हजार किशोरियों ने स्कूल बस, वैन, ऑटो और ट्यूशन में गलत स्पर्श की बातें साझा की हैं। इसके अलावा सहरसा, सीतामढ़ी, मधुबनी ऐसे जिले हैं जहां से भी एक से दो हजार किशोरियों के साथ कभी ना कभी बैड टच किया गया है।
इन बिन्दुओं पर मांगी गई थी जानकारी
● खेल मैदान, दुकान और सड़क
● स्कूल बस, वैन आदि
● स्कूल का कक्षा रूम और ट्यूशन
● परिवार के सदस्य,रिश्तेदार और अन्य
● ऑनलाइन या ऑफलाइन ब्लैकमेल
● इंटरनेट, फोन या सोशल मीडिया
सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेवारी स्कूलों की
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देश पर राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राज्यभर के निजी स्कूलों को पत्र लिखा है। इसके तहत सभी स्कूलों को किशोरियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने को कहा गया है। स्कूलों में शिकायत सेल खोलने का भी निर्देश दिया है, जिससे किशोर या किशोरी अपनी बातें साझा कर सकें।