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बिहार में 97,000 टीचरों पर क्यों लटकी कार्रवाई की तलवार, DEO भी घेरे में

  • अगर इन शिक्षकों का प्रमाण पत्र मार्च तक अपलोड नहीं किया गया तो संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) और शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही शिक्षक वेतन वृद्धि के लाभ से भी वंचित हो सकते हैं।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, कार्यालय संवाददाता, पटनाThu, 23 Jan 2025 06:27 AM
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बिहार में 97,000 टीचरों पर क्यों लटकी कार्रवाई की तलवार, DEO भी घेरे में

बिहार के 97 हजार शिक्षकों का प्रशिक्षण प्रमाणपत्र ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड नहीं है। पोर्टल के अनुसार इन शिक्षकों ने इस वित्तीय वर्ष (2024-25) में एक बार भी सेवाकालीन प्रशिक्षण प्राप्त नहीं किया है। इनको इस वर्ष एक बार भी प्रशिक्षण के लिए किसी संस्थान से टैग नहीं किया गया है। सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को कम से कम साल में एक बार प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य है। मालूम हो कि राज्यभर कुल साढ़े पांच लाख से अधिक शिक्षक हैं।

डीईओ और शिक्षकों पर होगी कार्रवाई

अगर इन शिक्षकों का प्रमाण पत्र मार्च तक अपलोड नहीं किया गया तो संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) और शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही शिक्षक वेतन वृद्धि के लाभ से भी वंचित हो सकते हैं। इस बाबत डीईओ को निर्देश दिया गया है कि शिक्षकों को ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर प्रोफाइल अपडेट कराना सुनिश्चित करें। ताकि जिन शिक्षकों ने प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है, उनका नाम हट जाए। शेष शिक्षकों को जल्द से जल्द प्रशिक्षण संस्थान से टैग कर प्रशिक्षण करवाना सुनिश्चित करने को कहा है।

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पटना में 1819 शिक्षकों का प्रमाणपत्र पोर्टल पर नहीं

पटना जिले में 1819 ऐसे शिक्षक हैं जिनका प्रमाणपत्र ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड नहीं है। इनमें संपतचक, पुनपुन, फुलवारी शरीफ, पटना सदर शहरी और ग्रामीण, पालीगंज पंडारक, नौबतपुर, मोकामा, मसौढ़ी, मनेर, खुशरूपुर, घोसवरी, फतुहा, दुल्हिन बाजार, धनरूआ, दानापुर, बिक्रम, बिहटा, बाढ़, अथमलगोला, बख्तियारपुर प्रखंड के शिक्षक शामिल हैं।

सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को भेजी सूची

विभाग के अनुसार हर जिले में ऐसे शिक्षक चिह्नित किए गए हैं। विभाग ने इसकी सूची सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को भेज दी है। डीईओ अपने- अपने जिला अंतर्गत संस्थानों में इस सूची को भेजेंगे। मालूम हो कि सतत व्यावसायिक विकास (सीपीडी) योजना के तहत राज्य के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का पांच दिवसीय सेवाकालीन प्रशिक्षण संचालित है। यह प्रशिक्षण शिक्षकों को कक्षा में पढ़ाने के कौशल विकास के लिए दिया जा रहा है। ताकि शिक्षक कक्षा में अपने विषय से संबंधित टॉपिक को बेहतर से बेहतर तरीके से बच्चों को समझा सकें।

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