आजादी के 77 वर्षो बाद मिला गौरीपुर के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल
बोले बांका असरबोले बांका असर प्रस्तुति- जीतेन्द्र कुमार झा छायाकार- कुमार आनंद चुआड़ी के पानी से मिली गौरीपुर के ग्रामीणों को मुक्ति गांव में

बांका, कार्यालय संवाददाता। आखिरकार हिन्दुस्तान अखबार की पहल ने गौरीपुर के ग्रामीणों को चुआड़ी के पानी पीने से निजात दिला दिया। गौरीपुर गांव में जहां एक ओर नलजल योजना चालू कर दिया गया तथा घर घर नल का जल पहुंचने लगा वहीं गांव में तीन बड़ा हथिया चापानल भी लगा दिया गया। गांव के लोग काफी खुश हैं कि उन्हें आजादी के 77 साल बाद गांव में शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध कराया गया। इसके लिए ग्रामीणों ने हिन्दुस्तान अखबार के प्रति आभार जताया है। बांका जिला मुख्यालय से मात्र 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दोमुहान पंचायत का गौरीपुर गांव आज़ादी के 77 वर्षों बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहा है।
इस गांव में करीब 350 घर हैं जहां करीब पांच हजार से अधिक लोग निवास करते हैं। यहां के ग्रामीण शुद्ध पेयजल की सुविधा से महरूम थे। आधुनिक युग में जहां सरकारें ‘हर घर जल और ‘स्वच्छ भारत जैसे अभियानों पर करोड़ों खर्च कर रही हैं, वहीं गौरीपुर के ग्रामीण आजतक गांव के पास के नदी की रेत खोदकर बनी चूआड़ी से पानी निकालकर पीने को मजबूर थे। गत 17 अप्रैल के अंक में आपके अपने हिन्दुस्तान अखबार ने बोले बांका के तहत गौरीपुर के ग्रामीणों का दर्द प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया। गांव के लोगों की जींवत तस्वीर को प्रकाशित किया गया जिसमें वे नदी में चुआड़ी खोदकर पानी निकाल ले जा रहे हैं। इसके बाद प्रशासन व सरकार ने संज्ञान लिया तथा आज गौरीपुर गांव में लगभग घरों में पीएचईडी विभाग के द्वारा पाइप लाइन बिछाकर नलजल सप्लाय चालू किया गया। गांव में नलजल के लिए पानी टंकी व मोटर को पूर्ण रूप से चालू किया गया है। यहीं नहीं गांव में तीन बड़ा चापानल भी लगाकार पानी चालू कर दिया गया है। बांका जिले के दोमुहान पंचायत अंतर्गत गौरीपुर गांव में लंबे समय से जारी पेयजल संकट पर समाजसेवी जवाहर कुमार झा द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केन्द्रीय लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली को पत्र लिखा गया था। साथ ही हिन्दुस्तान अखबार की कटिंग भी संलग्न किया गया था। फलस्वरूप राज्य सरकार ने त्वरित एवं प्रभावी कार्रवाई की। श्री झा ने बताया कि पीएचईडी विभाग एवं बांका जिला प्रशासन ने युद्धस्तर पर कार्य करते हुए गौरीपुर एवं आसपास के क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति की दिशा में पहल शुरू की। प्रारंभिक चरण में कुछ चापाकल और नल लगाए गए हैं। यह कदम एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहल है, जो स्थानीय नागरिकों की जीवन-स्तर की गुणवत्ता में सुधार लाने का कार्य करेगी। उन्होंने इसके लिए जिला प्रशासन व राज्य सरकार के प्रति आभार प्रकट किया तथा हिन्दुस्तान अखबार को ऐसे समाजिक मुद्दो को प्रकाशित करने के लिए भी धन्यवाद दिया। गत 17 अप्रैल को हिन्दुस्तान अखबार में गौरीपुर में पानी की समस्या की खबर छपने के बाद बांका डीएम अंशुल कुमार ने इसपर तुरंत संज्ञान लिया। डीएम ने बताया कि उसी दिन अखबार की कटिंग के साथ पीएचईडी विभाग को तलब किया गया तथा गौरीपुर गांव में तुंरत पानी की व्यवस्था का आदेश दिया गया। डीएम ने बताया कि वे प्रतिदिन जिलेभर के हर गांव में पानी की समस्याओं को लेकर सजग रहते हैं। अखबार और अन्य श्रोत से जानकारी होने पर विभाग को तुंरत पानी की व्यवस्था करने का निर्देश दिया जाता है। गौरीपुर गांव में पानी की सप्लाय चालू कर दिया गया है। आने वाले समय में गौरीपुर में अन्य समस्याओं पर भी कार्य किया जाएगा।
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