‘अपार’ आईडी की अनिवार्यता से खुल रहा फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का खेल, मां-बाप हैरान
- आधार कार्ड अपडेट कराने के लिए जन्म प्रमाण पत्र जरूरी है। ऐसे आधार सेवा केन्द्रों पर जब माता-पिता सेवा केन्द्रों पर जा रहे हैं, तो उन्हें बताया जा रहा है कि जन्म प्रमाण पत्र फर्जी है। ऐसा सुनते ही मां-बाप हैरान रह जा रहे हैं। नए सिरे से उनकी भागदौड़ शुरू हो जा रही है।
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APAAR ID and Birth Certificate: ‘वन नेशन वन स्टूडेंट’ स्कीम के तहत स्कूलों में स्टूडेंट्स की अपार (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) आईडी बनवाई जा रही है। स्कूल में सभी प्रमाण पत्र की जांच हो रही है, तो जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड के साथ सभी प्रमाण पत्र में एक ही ब्यौरा दर्ज होना अनिवार्य दिख रहा है। आधार कार्ड अपडेट कराने के लिए जन्म प्रमाण पत्र जरूरी है। ऐसे आधार सेवा केन्द्रों पर जब माता-पिता सेवा केन्द्रों पर जा रहे हैं, तो उन्हें बताया जा रहा है कि जन्म प्रमाण पत्र फर्जी है। ऐसा सुनते ही मां-बाप हैरान रह जा रहे हैं। इसके बाद सही प्रमाण पत्र के लिए नए सिरे से उनकी भागदौड़ शुरू हो जा रही है।
पादरी बाजार के दीनानाथ प्रजापति नगर निगम में बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र को लेकर परेशान दिखते हैं। बताते हैं कि वर्ष 2022 में शाहपुर क्षेत्र के एक जनसेवा केन्द्र से बारकोड वाला जन्म प्रमाण पत्र बनवाया था। इसी के आधार पर स्कूल में एडमिशन भी हुआ था। लेकिन आपार के लिए आधार कार्ड अपडेट कराने के दौरान पता चला कि प्रमाण पत्र फर्जी है। इसका सरकार के जन्म-मृत्यु पंजीयन पोर्टल पर कोई डिटेल नहीं है। अब नये सिरे से जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर रहे हैं।
मोहनापुर निवासी विमला प्रजापति भी स्कूलों में अनिवार्य अपार कार्ड को लेकर परेशान हैं। वह दोनों बेटों का आधार कार्ड अपडेट कराने बेतियाहाता आधार सेवा केन्द्र पर पहुंची तो बताया गया कि जन्म प्रमाण पत्र फर्जी है। विमला ने गीता वाटिका स्थित जनसेवा केन्द्र से 1200 रुपये में दो बेटों का जन्म प्रमाण पत्र बनवाया था। वहां पूछने पर संचालक ने कहा कि जन्मप्रमाण पत्र अपडेट कराना होगा। हालांकि बाद में पूछताछ में संचालक ने गलती स्वीकार कर 500 रुपये वापस कर दिये। शेष 700 रुपये के लिए दो दिन का समय मांग लिया।
हुमांयूपुर निवासी संजना के बेटे के स्कूल में अपार को लेकर सख्ती हुई तो उसने सभी प्रमाण पत्र स्कूल प्रबंधन को दे दिए। जन्म प्रमाण पत्र पर जन्म स्थान आजमगढ़ लिखा था। स्कूल से पूछताछ में संजना ने बताया कि जन्म स्थान गोरखपुर है। इसके बाद वह दिग्विजयनगर वार्ड के पार्षद ऋषि मोहन वर्मा के पास जन्म प्रमाण पत्र में सुधार को लेकर पहुंचीं। संजना को जन सेवा केन्द्र वाले ने बताया कि आजमगढ़ का जन्म स्थान दिखाने पर प्रमाण पत्र आसानी से बन गया था। संजना ने पार्षद की मदद से दोबारा नगर निगम में प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया है।
जन्म प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए वर्ष 2017 से पूरे देश में जन्म-मृत्यु पंजीयन पोर्टल पर ही हो रहा है। जहां बार कोड से तत्काल जन्म प्रमाण पत्र की कुंडली सामने आ जाती है। लेकिन दलालों ने बार कोड भी फर्जी बनाकर जन्म प्रमाण पत्र दे दिया है।
बेतियाहाता पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी बताते हैं कि पिछले सप्ताह भर में 5 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र को लेकर अभिभावक मिले हैं। लोगों ने कस्बाई इलाकों के जन सेवा केन्द्रों से जन्म प्रमाण पत्र बनवाया है। नगर निगम में जन्म प्रमाण पत्र और सेवा केन्द्रों पर आधार बनवाने के लिए लोगों को परेशान होना पड़ रहा है।
बार कोड से पता चलता है असली-नकली
बेतियाहाता में आधार सेवा केन्द्र के वैभव बताते हैं कि असली-नकली का पता जन्म प्रमाण पत्र के बार कोड से हो जाता है। 18 साल से कम उम्र के बच्चों के आधार कार्ड के लिए जन्म प्रमाण पत्र जरूरी है। इससे ऊपर मतदाता प्रमाण पत्र, पैन कार्ड या अन्य प्रमाण पत्र से आधार बन जाता है। रोज एक दो गलत जन्म प्रमाण पत्र लेकर लोग आ ही जा रहे हैं। भीड़ से बचने के लिए 16 मशीनों ने आधार कार्ड बनवाया जा रहा है।