Pitru Paksha 2024 : हिंदू धर्म में पितरों की आत्माशांति और मोक्ष प्राप्ति के लिए पितृ पक्ष का समय बेहद शुभ माना गया है। मान्यता है कि इस दौरान श्राद्ध,तर्पण और पिंडदान के कार्यों से पितर प्रसन्न होते हैं।
पितृपक्ष मेला 2024 : मानपुर पुल के पश्चिमी छोर से किरण सिनेमा-टावर चौक-रमना रोड-पीरमंसुर तक का मार्ग केवल उतर की ओर से आने के लिए खुला रहेगा। काशीनाथ मोड़ से स्टेशन तक नगमतिया मोड़ से रेलवे अस्पताल मोड़ होकर रेलवे गुमटी नबंर 1 से सीधे स्टेशन परिसर जाएंगे।
Dashami tithi 2022 date: हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष को पितृपक्ष कहा जाता है। आइए जानते हैं, दशमी श्राद्ध विधि-
Kunwara Panchami 2022 Date: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। पितृ पक्ष में तिथिनुसार श्राद्ध का विधान है। जानें कुंवारा पंचमी के दिन किन पितरों का किया जाता है श्राद्ध-
सनातन धर्म में श्राद्धकर्म या पितृ पक्ष की एक अलग ही महत्ता है। शास्त्रों के अनुसार आश्विन मास की कृष्ण प्रतिपदा से लेकर अमावस्या तक पितृ पक्ष मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इन दिनों पितृ, पितृलोक स
Pitru Paksha 2022: गृहक्लेश, संतान से सम्बंधित परेशानी, विवाह में बाधा आकस्मिक दुर्घटना, नौकरी, व्यापार में घाटा, खराब सेहत सहित तमाम दु:ख पितृदोष के लक्षण हैं।
Pitru Paksha 2022: हल्द्वानी के मुक्तिधाम में चार वर्षों से लावारिस पड़ी हैं मृतकों की अस्थियां, अंतिम संस्कार के बाद वापस अस्थियां लेने ही नहीं आए परिजन।
shradh 2022 : आज 15 दिनों तक पूर्वजों का श्राद्ध करके लोग देव, ऋषि और पितृ ऋण से होने की कामना करेंगे। मान्यता है कि इस पक्ष में परिजनों के पास कई रूपों में मंडराते पितर अपने वंशजों से संतुष्ट होकर उन
Pitru Paksha 2022: तीर्थयात्री पूर्वजों की मोक्ष की कामना लिए आये हैं। दो साल बाद आयोजित पितृपक्ष मेला-2022 यानी पितरों के महापर्व में विष्णुनगरी में करीब 80 हजार पिंडदानी आ चुके हैं।
shradh vidhi : ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जब सूर्य नारायण कन्या राशि में विचरण करते हैं तब पितृलोक पृथ्वी लोक के सबसे अधिक नजदीक आता है। श्राद्ध का अर्थ पूर्वजों के प्रति श्रद्धा भाव से है।