डिजिटल अरेस्ट मामले का आरोपी गिरफ्तार
नोएडा में साइबर क्राइम पुलिस ने दिल्ली से एक ठग को गिरफ्तार किया है, जिसने एक महिला के साथ डिजिटल अरेस्ट कर 14 लाख 5 हजार 300 रुपये की ठगी की थी। ठग ने खुद को दूरसंचार विभाग का अधिकारी बताकर महिला को...

नोएडा, वरिष्ठ संवाददाता। साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने वाले गिरोह के सक्रिय सदस्य को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी द्वारा खुलवाए गए खाते में ठगी की रकम आई थी। डीसीपी साइबर प्रीति यादव ने बताया कि एक महिला ने 26 मई को साइबर क्राइम थाने में आकर ठगी की शिकायत दी। महिला के साथ डिजिटल अरेस्ट कर ठगी हुई थी। पीड़ित महिला ने पुलिस को बताया था कि ठगों ने दूरसंचार विभाग का अधिकारी बताकर उनसे संपर्क किया। ठगों ने अवैध प्रचार-प्रसार और शोषण करने का आरोप लगाकर महिला को डिजिटल अरेस्ट कर लिया।
वे पुलिस और सीबीआई का अधिकारी बनकर उससे पूछताछ करने लगे। फर्जी कागजात भेजकर महिला को गिरफ्तारी का डर दिखाया गया। आखिर में डरी सहमी महिला ने ठगों द्वारा बताए गए खाते में 14 लाख पांच हजार 300 रुपये ट्रांसफर कर दिए। ठगों ने यह कहकर रकम ट्रांसफर कराई की जांच के बाद इसे मूल खातों में वापस भेज दिया जाएगा। मामला संज्ञान में आने के बाद एसीपी साइबर की अगुवाई में एक टीम केस की जांच में लग गई। पुलिस ने धोखाधड़ी में लिप्त बैंक खातों को तत्काल फ्रीज कराया। इस दौरान पता चला कि ठगी की रकम दिल्ली के बवाना निवासी संदीप कुमार के खाते में ट्रांसफर हुई है। इसके बाद उसकी गिरफ्तारी के लिए टीमें लग गईं। आखिर में साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने उसे उसके घर से दबोच लिया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने अपने सहयोगी के साथ मिलकर यस बैंक में खाता खुलवाया। संबंधित खाते में महिला के साथ हुई ठगी के 14 लाख पांच हजार 300 रुपये आए थे। इसके बाद यह रकम संदीप के खातों में आई और निकाली गई। आरोपी और उसके द्वारा खुलवाए गए खातों को जब एनसीआरपी पोर्टल पर चेक किया गया तो उस पर कुल 21 शिकायतें विभिन्न राज्यों में दर्ज मिलीं। ऐसे में इसकी पूरी संभावना है कि आरोपी द्वारा खुलवाए गए बैंक खातों में ठगी की रकम पूर्व में भी आ चुकी है। आरोपी बीटेक फेल है। कई अन्य राडार पर आरोपी संदीप कुमार ने ठगी में शामिल कई अन्य आरोपियों के बारे में जानकारी दी है। साइबर क्राइम थाने की पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। डीसीपी साइबर ने लोगों से अपील की है कि अगर कोई पुलिसकर्मी बताकर कॉल करे और आपको हवाला या धन शोधन केस में फंसाने की धमकी दे तो घबराएं नहीं, तुरंत पुलिस को सूचना दें। अगर आपके द्वारा पार्सल नहीं भेजा गया है तो तुंरत कॉल काट दें और नंबर को ब्लॉक कर दें। किसी भी कीमत पर अनजान व्यक्ति से बैंक और खाते संबंधी जानकारी साझा न करें। ठगी होने की दशा में 1930 पर कॉल करें। जितनी जल्दी मामले की शिकायत पुलिस से होगी रकम वापसी की संभावना भी उतनी ही होगी।
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