Sultanpur Police Struggles with Condemned Vehicles Piling Up at Stations सुलतानपुर-वाहनों से भरे पड़े हैं जिले के थाने, हादसों की आशंका, Sultanpur Hindi News - Hindustan
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सुलतानपुर-वाहनों से भरे पड़े हैं जिले के थाने, हादसों की आशंका

Sultanpur News - सुलतानपुर जिले के थानों में कंडम वाहनों की भरमार हो गई है, जिससे हादसों की आशंका बढ़ गई है। यहां कुल 20 थाने हैं, जिनमें से 19 थानों पर वाहन नीलामी की प्रक्रिया में हैं। अधिकांश वाहन आरटीओ द्वारा जब्त...

Newswrap हिन्दुस्तान, सुल्तानपुरWed, 18 June 2025 11:16 PM
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सुलतानपुर-वाहनों से भरे पड़े हैं जिले के थाने, हादसों की आशंका

सुलतानपुर। इसे पुलिस की मजबूरी कहे या फिर लापरवाही, कंडम वाहनों से जिले के थाने भरे पड़े हैं। सबसे खतरनाक स्थिति उन थानों की होती है, जहां वाहन थाने के गेट पर सड़क के किनारे खड़े किए जाते हैं। रात के अंधेरे में इन वाहनों से हादसे की आशंका बनी रहती है, इसमें किसी की जान भी जा सकती है। थाने के अंदर मौजूद वाहन भी पुलिस वालों के लिए किसी समस्या से कम नहीं हैं। जिस थाना परिसर में ज्यादा स्थान है, वहां तो कोई दिक्कत नहीं होती। लेकिन जहां स्थान की कमी होती है उन थानों के लिए ये कबाड़ किसी बड़ी समस्या से कम नहीं है।

अधिकांश थानों पर मुकदमे से ज्यादा आरटीओ के द्वारा पकड़े गए वाहन रखे गए हैं। बताते चले कि जिले में महिला थाने सहित कुल 20 थाने संचालित हैं, यदि महिला थाने को हटा दिया जाए तो जिले में कुल 19 थाने हैं। इन थानों पर कंडम वाहनों के निस्तारण के लिए सिर्फ एक विकल्प होता है, नीलामी, यह प्रक्रिया लंबे कवायद के बाद थाना प्रभारी कर पाता है, इसके लिए उसे पहले उन वाहनों को अलग करना पड़ता है, जो मुकदमें से फ्री हो, इसके बाद उनको नीलाम करने के कारण को दर्शाते हुए उच्चाधिकारियों से अनुमति प्राप्त कर आरटीओं से वाहनों का मूल्यांकन कराना होता है। इस तरह से तीन से पांच वर्षों के अंतराल पर एक थाने पर नीलामी की प्रक्रिया पूरी हो पाती है। जिले में स्थापित 19 थानों में लगभग 50 हजार रुपये से कम वाहन हैं, शहर कोतवाली की दशा यह है कि पूरी कोतवाली माल मुकदमें से भरी है, यहां मौजूद वाहनों में 20 फीसदी वाहन तो आरटीओ के द्वारा पकड़े गए हैं। ऐसे में यदि कोई हैवी वाहन पकड़ा जाता है तो उसे कोतवाली गेट पर सड़क के किनारे खड़ा करने के अलावा कोई चारा नहीं है। इन दिनों कोतवाली गेट पर ट्रक खड़े हैं, जो हादसों का सबब बन सकते हैं। बात करने पर प्रभारी शहर कोतवाली यादुवेंद्र सिंह ने बताया कि वाहनों की संख्या बता पाना तो मुश्किल है, लेकिन थाने में खड़े होने का स्थान नहीं बचा है। सही संख्या जानने के लिए दीवान से संपर्क करें। कमोवेश यही हाल जिले के अन्य थानों की है। हलियापुर थाने में तो माल मुकदमें से ज्यादा वाहन आरटीओ विभाग की तरफ से पकड़े गए वाहनों की हैं। हालांकि थाना परिसर में ज्यादा स्थान होने के कारण वहां वाहनों को खड़ा करने में कोई दिक्कत नहीं है। गोसाईगंज थाने में कुल 137 वाहन हैं, इसमें से मुकदमे से संबंधित 70 हैं, शेष 55 सीज वाहन हैं, यहां कुछ वाहनों को थाना परिसर से बाहर रखा गया है। बल्दीराय थाने पर जल्द ही नीलामी प्रक्रिया अपनाई गई थी इस कारण यहां वाहनों की संख्या कम हो गई है। इसके बाद भी थाना परिसर में काफी संख्या में वाहन खड़े हैं। इनसेट थानों में 20 फीसदी वाहन हैं आरटीओ के सुलतानपुर जिले में मौजूद 19 थानों में रखे गए वाहनों में 20 फीसदी वाहन एआरटीओं के द्वारा पकड़े गए हैं। इन वाहनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी थानों की है, जबकि यह वाहन क्यों पकड़े गए हैं, इसकी जानकारी पुलिस को नहीं है। बात करने पर कोतवाली के दीवान ने बताया कि इस मामले में पुलिस सिर्फ एआरटीओं कार्यालय से जारी होने वाले आदेश का अनुपालन करती है। कोट यह एक जटिल समस्या है, इस समस्या का समाधान करने के लिए शासन स्तर से भी निराकरण कराने का प्रयास किया गया। लेकिन कोई हल नहीं निकल सका। - कुंवर अनुपम सिंह, एसपी सुलतानपुर।

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