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संभल में तोड़फोड़: सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

नई दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए याचिकाकर्ता को इलाहाबाद उच्च न्यायालय जाने का आदेश दिया। याचिका में आरोप था कि अधिकारियों ने 13 नवंबर 2024 के आदेशों की अनदेखी कर बिना कारण...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 7 Feb 2025 07:10 PM
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संभल में तोड़फोड़: सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका का निपटारा कर दिया, जिसमें शीर्ष अदालत के 13 नवंबर, 2024 के आदेशों की कथित तौर पर अनदेखी कर संभल में संपत्तियों को गिराए जाने के लिए अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की मांग की थी। शीर्ष अदालत ने याचिका का निपटारा करते हुए, याचिकाकर्ता को इलाहाबाद उच्च न्यायालय जाने का आदेश दिया है।

जस्टिस बीआर गवई और के. विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा कि ‘हमें लगता है कि इस मुद्दे का संबंधित उच्च न्यायालय द्वारा सबसे बेहतर तरीके से समाधान किया जा सकता है। इसलिए, हम याचिकाकर्ता को संबंधित उच्च न्यायालय में जाने की स्वतंत्रता देते हुए, मौजूदा याचिका का निपटारा कर रहे हैं। इसके साथ ही, पीठ ने याचिकाकर्ता मोहम्मद गयूर की ओर से पेश अधिवक्ता चांद कुरैशी से कहा कि आप इसे (याचिका) उच्च न्यायालय में दाखिल करें। पीठ के समक्ष दाखिल याचिका में शीर्ष अदालत द्वारा संपत्तियों को तोड़फोड़ को लेकर जारी दिशा-निर्देशों की अनदेखी कर संभल में बुलडोजर से संपत्तियों को तोड़फोड़ करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की मांग की थी।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता कुरैशी ने याचिका में आरोप लगाया था कि अधिकारियों ने शीर्ष अदालत के 13 नवंबर 2024 के उस फैसले का उल्लंघन किया है. जिसमें अखिल भारतीय स्तर के दिशा-निर्देश तय किए गए थे। इस दिशा निर्देश में कहा गया था कि कोई भी संपत्ति कारण बताओ नोटिस के बिना नहीं तोड़ा जाएगा और पीड़ित पक्ष को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय देने को कहा गया था। याचिका में दावा किया गया कि उत्तर प्रदेश के संभल में अधिकारियों ने 10-11 जनवरी को याचिकाकर्ता या उसके परिवार के सदस्यों को बिना किसी पूर्व सूचना या पक्ष रखने का मौता दिए बगैर उसकी संपत्ति का एक हिस्सा गिरा दिया।

इस मामले में याचिका का निपटारा किए जाने के बाद याचिकाकर्ता ने पीठ से कहा कि ‘मेरी संपत्ति में किसी तीसरे पक्ष का हित नहीं बनाया जाए, इसके लिए आदेश जारी करने का आग्रह कितया। इस पर पीठ ने कहा कि आप उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कीजिए, हमने सभी आवश्यक निर्देश जारी कर दिए हैं।

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