ऑपरेशन सिंदूर:: पाकिस्तान ने सिंधु जल समझौते को स्थगित करने के फैसले पर पुनर्विचार की लगाई गुहार
भारत ने सिंधु जल समझौते को स्थगित करने का फैसला किया है, जिससे पाकिस्तान की जल स्थिति बिगड़ने लगी है। पाकिस्तान ने भारत से पुनर्विचार का आग्रह किया है, लेकिन भारत ने स्पष्ट किया है कि वह इस पर विचार...

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। सिंधु जल समझौते को स्थगित करने का भारत का फैसला पाकिस्तान को भारी पड़ने लगा है। पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय ने भारत के जल शक्ति मंत्रालय को पत्र लिखकर फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह किया है। जल शक्ति मंत्रालय ने नियमानुसार पत्र को विदेश मंत्रालय को भेज दिया है, जो सिंधु जल समझौता के लिए अधिकृत मंत्रालय है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि इस पर पुनर्विचार का सवाल ही नहीं उठता है। गौरतलब है कि भारत अब तीन नदियों के पानी का अपने लिए इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है। इस पर तुरंत काम भी शुरू कर दिया गया है।
इसके अलावा मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। बता दें कि दो दिन पहले प्रधानमंत्री ने कहा था कि खून और पानी एकसाथ नहीं बह सकता है जिससे भारत का रुख स्पष्ट हो गया था। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने तत्काल जो बड़े व कड़े फैसले लिए थे उनमें सबसे अहम सिंधु जल समझौता 1960 को स्थगित करना था। इस समझौते के तहत पाकिस्तान को सिंधु बेसिन के तीन प्रमुख नदियों सिंधु, झेलम व चेनाब का 80 फीसदी से ज्यादा पानी मिलता था। समझौते के स्थगित होने के बाद भारत ने यह पानी रोक दिया था। साथ ही भारत के बांधों में पानी बढ़ने पर उसे बिना पूर्व सूचना के छोड़ना शुरू कर दिया था। इससे पाकिस्तान के हालात बिगड़ने लगे हैं। समझौते की बहाली के मूड में नहीं सरकार भारत ने पाकिस्तान की डीजीएमओ की तरफ से दिए संघर्ष विराम के प्रस्ताव को भले ही स्वीकार कर लिया हो, लेकिन उस पर लगाए प्रतिबंध कायम रखे हैं। ऑपरेशन सिंदूर केवल स्थगित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकता। इससे साफ है कि भारत सरकार फिलहाल सिंधु जल समझौते को फिर से बहाल करने के लिए तैयार नहीं है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस संधि को स्थगित करने के फैसले पर पुनर्विचार करने का सवाल ही नहीं है। आतंकी गतिविधियों के साथ पानी नहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जैसवाल ने भी एक दिन पहले ही कहा था कि भारत तब तक सिंधु जल समझौता को लागू नहीं करेगा, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना पूरी तरह बंद नहीं कर देता। उन्होंने कहा था कि यह संधि सद्भावना और मित्रता की भावना में हुई थी,लेकिन पाक ने सीमा-पार आतंकवाद को बढ़ावा देकर इन सिद्धांतों को ताक पर रख दिया। पहलगाम हमले के एक दिन बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई दंडात्मक उपायों की घोषणा की थी। इसमें सिंधु जल समझौता भी था।
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