पहलगाम आतंकी हमले के बाद पुराने वीडियो से फैलाए जा रहे नए झूठ
- सोशल मीडिया पर भ्रामक प्रचार वाली पोस्ट की बाढ़ नई दिल्ली, एजेंसी पहलगाम

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भ्रामक सूचनाओं की बाढ़ पर नियंत्रण के लिए भले ही सरकार ने 16 पाकिस्तानी यू-ट्यूब चैनल ब्लाक कर दिए हों लेकिन सोशल मीडिया पर फर्जी व भ्रामक समाचारों का सिलसिला अभी भी थमा नहीं है। एक्स व इंस्टाग्राम पर अभी भी पुराने वीडियो का इस्तेमाल कर नए झूठ फैलाए जा रहे हैं।
न्यूज एजेंसी ‘पीटीआई ने इस तरह के 10 वीडियो की पड़ताल की तो पाया कि ये वीडियो पांच साल तक पुराने हैं। कुछ का संबंध तो भारत या पाकिस्तान से है भी नहीं। फिर भी उनके जरिए बढ़ते तनाव, जवाबी हमला व आंतरिक अशांति जैसी बातों का झूठा प्रचार किया जा रहा है।
एजेंसी को ऐसे 10 वीडियो मिले जिनमें से 9 एक्स पर पोस्ट किए गए थे जबकि 1 इंस्टाग्राम पर है। जांच में ये सभी वीडियो पूरी तरह से झूठे पाए गए हैं। एक नजर ऐसे ही फर्जी वीडियो और उनकी सच्चाई पर
-पहली पोस्ट : पोस्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तानी सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर की लीपा घाटी में दो भारतीय चेक पोस्ट को ध्वस्त कर दिया है। इस पोस्ट के साथ पहाड़ों में आग की एक तस्वीर भी साझा की गई है। यह पोस्ट एक्स पर ‘पाकिस्तान नाम के एकाउंट से 27 अप्रैल को पोस्ट की गई है। पोस्ट को 54000 लोगों ने देखा है और इसे 61 बार दोबारा पोस्ट किया गया है।
सच्चाई : जांच में यह तस्वीर उत्तरी आयरलैंड के मोर्ने पर्वत में इसी साल लगी जंगल की आग से संबंधित पाई गई जिसका किसी भी सैन्य अभियान से कोई संबंध नहीं था।
-दूसरी पोस्ट : एक वायरल वीडियो में दावा किया गया है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत करने से कथित इनकार के कारण एक भारतीय पत्रकार सैन्य अधिकारियों से भिड़ गया।
सच्चाई : जांच में सामने आया है कि यह फुटेज इसी साल मार्च में पटियाला में एक कर्नल से पुलिसकर्मियों की कथित मारपीट के बाद सेना व पुलिस की संयुक्त प्रेसवार्ता से संबंधित है।
-तीसरी पोस्ट : इस पोस्ट में नियंत्रण रेखा के साथ पाकिस्तानी सैन्य पोस्ट को कथित रूप से भारी क्षति का दावा किया गया है। इसके साथ गोलाबारी का वीडियो भी पोस्ट किया गया है।
सच्चाई : जांच में यह वीडियो 2023 का पाया गया। वीडियो मई 2023 में सुरक्षाबलों की इमरान खान की रिहाई की मांग कर रहे पाकिस्तान तकरीक-ए-इंसाफ कार्यकर्ताओं से टकराव से संबंधित है।
-चौथी पोस्ट : पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाते हुए उनके घरों को ध्वस्त कर दिया।
सच्चाई : जांच में ध्वस्त किए गए ढांचे की पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों से संबंधित होने की पुष्टि हुई।
-पांचवीं पोस्ट : पहाड़ों पर विस्फोट के एक वीडियो को पोस्ट कर दावा किया गया है कि पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सीमा में भारत की सैन्य पोस्ट को निशाना बनाते हुए उसे ध्वस्त कर दिया।
सच्चाई : जांच में सामने आया है कि यह वीडियो इंटरनेट पर 2020 से उपलब्ध है और उसका नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना के किसी भी हमले से कोई संबंध नहीं है।
-छठी पोस्ट : एक तस्वीर के जरिए नियंत्रण रेखा पर चार भारतीय जवान को मारने का झूठा दावा किया जा रहा है।
सच्चाई : वास्तव में यह तस्वीर वर्ष 2020 के कश्मीर के हंदवाड़ा क्षेत्र में चलाए गए सैन्य अभियान की है जिसमें दो आतंकी मारे गए थे जबकि पांच सैन्य अधिकारी शहीद हो गए थे।
-सातवीं पोस्ट : पोस्ट में आधारहीन दावा किया गया है कि भारत की ओर से सिंधु जल संधि के संभावित उल्लंघन के विरोध में चीन अपनी नदियों का भारत में रास्ता रोकेगा।
सच्चाई : इस संबंध में किसी भी विश्वसनीय सूत्र से इसकी पुष्टि नहीं हुई। भारतीय या पश्चिमी न्यूज वेबसाइट पर भी इस तरह के किसी भी दावे से संबंधित कोई खबर या जानकारी नहीं मिली।
-आठवीं पोस्ट : एक मनगढ़ंत वीडियो में दिखाया गया है कि एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी पहलगाम हमले के लिए कथित सुरक्षा खामियों को दोषी ठहरा रहा है, जिसे व्यापक प्रचार मिला।
सच्चाई : सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने वीडियो के फर्जी होने की पुष्टि की है।
-नौवीं पोस्ट : एक क्लिप में एक इमारत पर मिसाइल हमले को भारत की पाक अधिकृत कश्मीर में कार्रवाई से गलत तरीके से जोड़कर दिखाया गया है।
सच्चाई : वास्तव में यह फुटेज 2024 में लेबनान पर इजरायल के हवाई हमले से संबंधित है।
-दसवीं पोस्ट : वीडियो में दावा किया गया है कि भारतीय वायु सेना ने भारतीय नागरिकों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दी है जिसमें कई नागरिकों को नुकसान पहुंचा है।
सच्चाई : वीडियो वास्तव में 25 अप्रैल 2025 का है जब मध्य प्रदेश में भारतीय वायु सेना के एयरक्राफ्ट से दुर्घटनावश एक गैर विस्फोटक ड्राप टैंक अचानक एक घर पर गिर गया था जिसमें कोई भी घायल नहीं हुआ था।
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