सब सोच रखा है तो हमारी जरूरत ही क्या है; आर-पार के मूड में अनिल विज, 'अन्याय' पर भड़के
- मंत्री अनिल विज अपने 15 समर्थकों को टिकट न मिलने से भड़के हुए हैं। उनके समर्थकों ने यहां तक कह दिया है कि यदि लोकल यूनिट की बात को खारिज कर हाईकमान के लेवल से ही सब तय हो रहा है तो फिर हमारी जरूरत ही क्या है। उनके आवास पर पहुंचे समर्थकों ने जमकर नारेबाजी भी की है।

अंबाला नगर परिषद के चुनाव में पार्षदों के टिकट बंटवारे को लेकर मची कलह तेज होती जा रही है। अंबाला कैंट से विधायक और भाजपा के वरिष्ठ मंत्री अनिल विज अपने 15 समर्थकों को टिकट न मिलने से भड़के हुए हैं। उनके समर्थकों ने यहां तक कह दिया है कि यदि लोकल यूनिट की बात को खारिज कर हाईकमान के लेवल से ही सब तय हो रहा है तो फिर हमारी जरूरत ही क्या है। एक समर्थक ने कहा कि कुल 32 नामों का ऐलान हुआ है, जिनमें से 15 लोग तो ऐसे हैं, जिनकी सिफारिश स्थानीय स्तर पर किसी भी नेता ने नहीं की थी। इस पर अनिल विज भड़क गए हैं और उनका कहना है कि क्या मैं विदेश चला जाऊं, जब कोई सुनवाई ही नहीं हो रही है।
शुक्रवार को देर रात लिस्ट जारी हुई तो हलचल तेज हो गई। अनिल विज के समर्थक उनके घर पहुंचने लगे। यही नहीं शनिवार को भी यह सिलसिला जारी रहा और अब रविवार को भी उनके यहां समर्थकों का हुजूम उमड़ा पड़ा है। स्थानीय कार्यकर्ता, नेता, बूथ और मंडलों के अध्यक्ष उनसे मिलने पहुंच रहे हैं। खबर है कि स्थानीय यूनिट की तरफ से हाईकमान को एक ईमेल भी भेजा गया है। इसमें टिकट बंटवारे को लेकर असंतोष जाहिर किया गया है। अनिल विज के समर्थकों ने नारेबाजी की भी की है। खासतौर पर उन लोगों के खिलाफ नारे लगाए गए, जिन्हें टिकट मिला है। यही नहीं ऐसे भी कई नेता नाराजा हैं, जिन्हें टिकट मिला है। उनका कहना है कि अनिल विज जो कहेंगे, वह वही करेंगे। इन लोगों का कहना है कि चुनाव में अनिल विज के खिलाफ काम करने वाले कई लोगों का पार्षद का टिकट मिला है।
अनिल विज के गुस्से को देखते हुए समर्थकों का कहना है कि पार्टी हाईकमान से यदि पॉजिटिव जवाब नहीं मिला तो भविष्य में वह मंत्री पद छोड़ सकते हैं। अपने एक बयान में अनिल विज ने पिछले दिनों कहा भी था कि मेरी विधायकी कोई नहीं छीन सकता। मंत्री पद की बात है तो मैंने बंगला पहले ही नहीं लिया है और कार भी छोड़ने के लिए मैं तैयार हूं। एक स्थानीय नेता ने कहा, '32 उम्मीदवारों का एक पैनल पार्टी हाईकमान को भेजा गया था। स्थानीय स्तर पर सहमति के बाद इन नामों को भेजा गया, लेकिन जब सूची आई तो 15 गायब थे। यदि पार्टी हाईकमान पहले से ही चीजें तय कर लेता है और उसी हिसाब से सब करना है तो फिर हमारी जरूरत ही क्या है। स्थानीय स्तर से नाम मांगने ही नहीं चाहिए।' इन नेताओं ने नाम काटे जाने को अन्याय करार दिया।
फिलहाल यही जानकारी है कि विवाद के बाद लिस्ट को होल्ड पर रखा गया है। बता दें कि पार्टी हाईकमान से अनिल विज को नोटिस भी जारी हुआ था। इसमें पूछा गया था कि आखिर आपने दिल्ली चुनाव के बीच सीएम और प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ बयानबाजी क्यों की। अनिल विज ने इसका जवाब भी अपने ही अंदाज में दिया है। ऐसे में अनिल विज बनाम सीएम और संगठन की लड़ाई आने वाले दिनों में भी जारी रह सकती है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।