Hindi Newsएंटरटेनमेंट न्यूज़बॉलीवुडSaira Banu recalls Mughal e Azam premiere says madhubala was interested in Dilip Kumar but she was determined to be marr

सायरा बानो को याद आई मुगल-ए-आजम के प्रीमियर में हुई गड़बड़, बोलीं- दिलीप कुमार में इंट्रेस्टेड थीं मधुबाला लेकिन…

सायरा बानो ने मुगल-ए-आजम के प्रीमियर का वक्त याद किया है। बताया कि वह सजधजकर दिलीप कुमार को देखने पहुंची थीं लेकिन दिलीप कुमार वहां नहीं पहुंचे थे। इसकी वजह से उनकी नाराजगी रही होगी।

Kajal Sharma लाइव हिन्दुस्तानWed, 7 Aug 2024 10:27 AM
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सायरा बानो को याद आई मुगल-ए-आजम के प्रीमियर में हुई गड़बड़, बोलीं- दिलीप कुमार में इंट्रेस्टेड थीं मधुबाला लेकिन…

सायरा बानो ने दिलीप कुमार को इतनी शिद्दत से चाहा कि सारी कायनात ने उन दोनों को मिला ही दिया। सायरा काफी छोटी उम्र से दिलीप कुमार की दीवानी थीं। उन्हें पता था कि दिलीप कुमार और मधुबाला एक-दूसरे के साथ रिलेशनशिप में हैं। फिर भी कहीं न कहीं उम्मीद थी कि वह मिसेज दिलीप कुमार बनेंगी। सायरा ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में उन दिनों को याद किया है जब वह मुगल-ए-आजम के प्रीमियर पर सजधजकर पहुंची थीं।

खूब सजीं सायरा बानो

सायरा बानो ने इंस्टाग्राम पर अपनी कुछ तस्वीरें पोस्ट करके मुगलेआजम की रिलीज के दिनों की यादें ताजा की हैं। एक पोस्ट में वह लिखती हैं, इसके बाद मैंने अपनी मां को अपने वेस्टर्न ब्लाउज और स्कर्ट बाहर निकालने और सबसे भारी गोटा लगी साड़ी मुझे देने के लिए राजी किया। साड़ी बहुत भारी थी और मैं पेपरवेट जैसी हल्की, इसका मुझ पर असर दिखने वाला था लेकिन क्या आपको लगता है कि मैं हार मान लूंगी? मैंने अपनी मां की मदद से इसे पहना और बहुत बहादुरी से इस भारी कपड़े को संभाला।

दिलीप कुमार को तलाश रही थीं आंखें

सायरा बानों आगे लिखथी हैं, मैंने साल तक हवाई किले बनाए थे और जानती थी कि मन मोहने वाली खूबसूरत बालाएं जैसे दीवाना बनाने वाली सुंदरी मधुबाला, कई और साहिब (दिलीप कुमार) में इंट्रेस्टेड हैं। लेकिन क्या आपको लगता है कि कोई भी मेरा मिसेज दिलीप कुमार बनने के सपना तोड़ सकता था? आखिरकार 5 अगस्त 1960 को मराठा मंदिर में 'प्रीमियर' हुआ, जहां पूरी फिल्म इंडस्ट्री उमड़ी हुई थी और मेरी आंखें बुरी तरह से एक चेहरे से दूसरे चेहरे की तलाश कर रही थीं, लेकिन साहब की कोई झलक नहीं थी। वो पल जब मेरी नजरें साहिब से मिलतीं बर्बाद हो गया और ऐसा लगा कि किसी ने मुझ पर ठंडा पानी डाल दिया हो।

के आसिफ से दोस्ती में आई खटास

बाद में मुझे पता चला कि साहब और उनके बहुत करीबी दोस्त 'मुगल-ए-आजम' के डायरेक्टर के. आसिफ की गहरी दोस्ती में खटास आ गई है। क्योंकि आसिफ साहब ने गुपचुप तरीके से साहिब की बहन अख्तर से शादी करके उनके परिवार को चौंका दिया था, साहिब से एक भी शब्द बोले बिना। मैं अपनी सीट पर मां के साथ बैठ गई फिर मेरा किसी सीन या चीज में मन नहीं लगा। मेरे लिए यह बहुत बड़ी नाकामयाबी थी।

दिलीप कुमार को पहली बार दिखाई मुगल-ए-आजम

अजीब बात यह है कि साहब ने कभी मुगल-ए-आजम नहीं देखी थी, इसकी वजह शायद यही सारी खराब घटनाएं रही होंगी। बाद में हमारी शादी के बाद हमें पूना के फिल्म और टेलीविजन संस्थान में बुलाया गया था। यह एक खूबसूरत अनुभव था जिसमें सारे स्टूडेंट्स साहिब के इर्द-गिर्द इकट्ठे हो गए। जैसे ही मुझे पता चला कि वे 'मुगल-ए-आजम' को ड्रामा में एक लेसन रूप में रखते हैं, मैं खुशी से उछल पड़ी। मैंने उनसे 'मुगल-ए-आजम' की स्क्रीनिंग करने का अनुरोध किया और पहली बार साहब को 'मुगल-ए-आजम'दिखाने में अहम भूमिका निभाई, कितने सम्मान की बात है!

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