नल-जल की निर्बाध आपूर्ति संग रविवार को भी हो मोहल्लों में सफाई
समस्तीपुर के वार्ड-22 के बंगाली टोले की तीन हजार की आबादी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही है। सफाई कर्मियों की कमी, गंदे पानी की आपूर्ति और जर्जर सड़कों की समस्या है। लोग नगर निगम के अधिकारियों और...
समस्तीपुर। नगर निगम के वार्ड-22 स्थित बंगाली टोले की तीन हजार की आबादी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही है। इनका कहना है कि सफाईकर्मियों की संख्या कम है। इस कारण नियमित सफाई नहीं होती है। कई जगहों पर कचरा पसर जाता है और बीमारियों की आशंका बनी रहती है। यहां के लोगों का कहना है कि नल जल योजना की आपूर्ति भी सभी घरों में नहीं होती है। बारिश से पहले नालों की उड़ाही नहीं होती है। इससे जलजमाव की समस्या से जूझना होता है। सड़कें जर्जर हैं। बार-बार कहनेे के बावजूद निगम के अधिकारी व जनप्रतिनिधि समस्याओं के समाधान को लेकर गंभीर नहीं दिखते हैं। शहर के वार्ड-22 बंगाली टोला एक घनी आबादी का इलाका है, जो समस्तीपुर रेलवे जंक्शन से सटा हुआ है। इस मोहल्ले में करीब तीन हजार लोग रहते हैं। वैसे, यहां हर पेशे से जुड़े लोग हैं, लेकिन व्यवसायी तबके के लोग अधिक हैं। यहां के लोग सजग हैं। विधान पार्षद डॉ. तरुण कुमार का आवास व कार्यालय भी इसी वार्ड में होने की वजह से इस वार्ड को लोग विधान पार्षद का वार्ड कहते हैं। फिर भी इस वार्ड के अंदर कई तरह की समस्या है। सबसे बड़ी समस्या नल-जल से गंदा पानी की आपूर्ति है। जिस पर रोक नहीं लग रही है। लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। यहां के लोगों का कहना है कि नगर निगम बनने के बाद से इस वार्ड का जितना विकास होना चाहिए था, उतना हुआ नहीं। वे कहते हैं कि वार्ड में कई समस्याओं को दूर नहीं किया जा रहा है।
रजनीश यादव व रितेश प्रसाद गुप्ता ने बताया कि यहां सफाई तो होती है लेकिन कूड़ा सभी मोहल्लों से नहीं उठाया जाता है। कहीं रोज उठता है तो कहीं एक दिन बीच करते हैं। नालियों की सफाई भी जैसे तैसे करके सफाई कर्मी चले जाते हैं। कई नाले ऐसे हैं जिनकी सम्पूर्ण उड़ाही की जरूरत है। इन नालियों में कचड़े का अंबार है। वार्ड में संबंधित सफाई एजेंजी के स्तर से वार्ड की जरूरत के अनुसार सफाई कर्मियों को नहीं दिया गया है। तीन चार सफाई कर्मियों से सफाई का काम कराया जाता है। जबकि अच्छी व सम्पूर्ण सफाई के लिए कम से कम वार्ड में 15 सफाई कर्मी की जरूरत है।
यह काम बरसात से पहले हो जाना चाहिए था। लेकिन इस पर ध्यान ही नहीं दिया जाता है। रवि कुमार, हिना गुप्ता व भास्कर प्रतीक का कहना है कि अधिकांश सड़क कमजोर हैं। इन पर गिट्टियां उखड़ रही हैं। आने-वाले मानसून में ये सड़कें टूट सकती हैं। धर्मेंद सिंह सरदार, मयंक यादव, अशोक साह ने कहा कि वार्ड में कई जगहों पर बिजली के पोल पर लगे हुए स्ट्रीट लाइट शो पीस बनी हुई हैं। ये जलती ही नहीं है। रात के अंधेरे में लोगों को आवाजाही करना पड़ता है। रेलवे स्टेशन से सटे होने के कारण देर रात तक लोगों का आना जाना विभिन्न सड़कों व गलियों से होकर लगा रहता है।
हम लोगों ने कई बार इसकी शिकायत नगर निगम में कि। मगर स्ट्रीट लाइट को ठीक करा कर उपयोग के लायक बनाया जाय इसे भी कोई सुनने वाला नहीं है। वार्ड पार्षद भी ध्यान नहीं देते। वे वार्ड के लोगों से मिलते जुलते भी बहुत कम है। पंकज बुलगानी व सुजय प्रसाद का कहना है कि वार्ड में कई मोहल्लों के नाले कई जगहों पर खुले हैं। जहां स्लैब लगाने की जरूरत है। इससे बरसात में लोगों को दिक्कत होती है। यह वार्ड अन्य वार्डों की सड़कों व गलियों से एक दूसरे से कनेक्ट है। रेलवे स्टेशन चौक गांधी स्मारक से बंगाली टोला तक जाने के लिए मुख्य रूप से दो रास्ते हैं। एक बहादुरपुर की तरफ व दूसरे मालगोदाम रोड है।
क्योंकि कई मोहल्लों में बिजली चली जाने पर सड़क व नाले की सही स्थिति का अंदाजा नहीं रहता है। यह काम बरसात से पहले हो जाना चाहिए था। लेकिन इस पर ध्यान ही नहीं दिया जाता है। रेलवे स्टेशन से सटे होने के कारण देर रात तक लोगों का आना जाना विभिन्न सड़कों व गलियों होकर लगा रहता है। इस कारण बीमारी फैलने का खतरा लोगों में बना रहता है।
बोले-जिम्मेदार
वार्ड 22 में जो भी वर्तमान में या पूर्व से समस्याएं हैं, उनका पता लगा कर व वार्ड पार्षद से बात कर दूर कराया जाएगा। वैसे भी, पब्लिक को भी चाहिए कि उनके मोहल्ले की जो भी समस्या है, उसे उनके मोबाइल पर फोन कर बता सकते हैं। अथवा नगर निगम के टोलफ्री नंबर पर भी कॉल कर निदान करा सकते हैं। कई समस्याओं को पहले ही वार्ड से दूर किया जा चुका है।
-अनिता राम, मेयर, नगर निगम, समस्तीपुर
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