बनमा प्रखंड में नल जल योजना का है बुरा हाल
सिमरी बख्तियारपुर के बनमा ईटहरी प्रखंड में नल का जल योजना में गुणवत्ता की गंभीर कमी है। घटिया पाइप और नल की टोटियाँ गायब होने के कारण लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों ने शिकायतों के...

सिमरी बख्तियारपुर, एक संवाददाता। बनमा ईटहरी प्रखंड क्षेत्र में नल का जल योजना में गुणवत्ता की खुल्लम-खुल्ला अनदेखी की गयी है। जलापूर्ति की पाइप से लेकर नल की टोटी तक घटिया इस्तेमाल किया गया। कहीं नल लगे हैं तो उसकी टोंटी गायब हो चुकी है। वहीं कही पाइप फट चुका है और पानी सड़क पर बह रहा है। पानी की बर्बादी को देखकर गांव वाले ने पानी टंकी से सप्लाई रोक दी है। चूंकि फटी हुई पाइप से सड़कों पर पानी जमा हो जा रहा है। कहीं-कहीं नल ही बंद करना पड़ा है। जिसका उदाहरण बनमा ईटहरी प्रखंड के महारस पंचायत में कुछ यूं देखने को मिला। वार्डो में नलनल योजना के संवेदकों द्वारा घटिया पाइप लाइन बिछाने से पाइप जगह-जगह फट गई है। नतीजतन करोड़ों रुपये खर्च के बाद भी पंचायत के लोगों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो पा रहा है। यह अलग बात है कि सरकारी स्तर पर हर घर जल पहुंचाने का दावा जरूर किया जा रहा है। यह कागजों पर तो दिख रहा है, पंरतु जमीनी हकीकत कुछ और ही है। बनमा ईटहरी प्रखंड की लगभग सभी पंचायतों का यही हाल है। सबसे बुरा हाल महारस पंचायत के वार्ड नं 03 और सरबेला पंचायत के वार्ड नं 09 का है। यहां कई महीनों से सप्लाई का पानी लोगों तक नही मिल रहा है। लोगों का कहना है कि शिकायत के बाद भी नलजल में सुधार नही हो पाया है। ग्रामीणो के अनुसार खास बात यह है कि पीएचडी विभाग के ना तो अधिकारी और ना ही कोई कर्मी क्षेत्र का भ्रमण करते हैं। लिहाजा कई जगहों पर तो यूं ही पानी टोटी के कारण तो कहीं पे पाइप फटा होने के कारण पानी बर्बाद होते रहता है। ग्रामीणो के द्वारा जल्द से जल्द हर जगहों पर पाइप व टोटी वगैरह मरम्मति कराने की मांग जिला प्रशासन से किया गया है। इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी गुलशन कुमार झा ने बताया कि जहां भी दिक्कत है, पीएचडी विभाग को बोल कर जांच करवाई जाएगी।
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